मल्टीटास्किंग – कितना सही कितना गलत

मल्टी  टास्किंग  महिलाओं  का  खास  गुण  माना  जाता  है  लेकिन  एक  साथ  बहुत  सारे  काम  करने  से  कई  बार  उनका  स्वास्थ्य , पर्सनल  लाइफ , सोशल  लाइफ  पर  बुरा  असर  पड़ने  लगता  है । मल्टी  टास्किंग  के  कारण  आपके  काम  पर  क्या  प्रभाव  पड़ता  है  जाने –                 …

आज की नारी बदलती सोच और पहनावा

आजकल  महिलाओं  के  हालात  में  चाहे  नाम  मात्र  का  ही  बदलाव  आया  है  मगर  उनकी  पर्सनैलिटी  काफी  हद  तक  बदली  है | आज  महिलाएं  घर  की  देहरी  पार  कर  ऊंचे  ओहदे  पर  पहुंच  रही  हैं  । मिस  यूनिवर्स , मिस  वर्ल्ड  का  खिताब  लेना  हो  या  कारपोरेट  जगत  में  नाम  कमाना  हो  या  पुरुष  प्रधान …

जीवन में संतुलन जरूरी

वक्त  के  साथ  सब  कुछ  बदलता  रहता  है  जैसे  हमारा  खान- पान  ,दिनचर्या  ,वर्क  स्टाइल , इसलिए  समझदारी  इसी  में  है  कि  हम  उसे  मैनेज  करना  सीखे,  फिर  चाहे  वह  अनिद्रा, तनाव ,मोटापा, प्रदूषण  आदि  की  ही  समस्या  क्यों  ना  हो ।                           …

कुछ प्रश्न अपने आप से जरूर करें

सारा  विज्ञान  ही  प्रश्नों  पर  आधारित  है  क्योंकि  जिस  प्रश्न का  उत्तर  मिल  जाता  है  उस  प्रश्न  का  अस्तित्व  ही  समाप्त  हो  जाता  है , यदि  जीवन  से  भी  प्रश्न  समाप्त  हो  जाए  तो  जीवन  में  रोमांच  ही  समाप्त  हो  जाएगा ।                           …

रिश्तो में भावनाएं नहीं , हावी होता पैसा

आज  पैसा  नई  पीढ़ी  के  लिए  मौज  मस्ती  करने  और  सारी  भौतिक  चीजों  को  पाने  का  पर्याय  बन  गया  है | एक  आम  धारणा  बनती  जा  रही  है  कि  जिसके  पास  जितना  अधिक  पैसा  होगा  वह  उतना  ही  अधिक सुखी  होगा  क्योंकि  संपन्नता  को  ही  सुखी  होने  का  आधार  माना  जाने  लगा  है  लेकिन  सवाल …

दिल की जुबान – भावनाएं

 जिंदगी  में  कई  बार  ऐसे  मौके  आते  हैं  जब  दिल  और दिमाग  में  एक  जंग  सी  छिड़  जाती  है , दोनों  ही  अपना – अपना  तर्क  देते  हैं  लेकिन  समझ  नहीं  आता  कि  दिल  की  सुने  या  दिमाग  की , तब  लोग  कहते  हैं  कि  हमें  दिल  की  आवाज  सुननी  चाहिए  क्योंकि  दिल  हमेशा  सही …

जिएं जिंदगी 60 के बाद भी

बढ़ती  उम्र  के  असर  को  रोकना  असंभव  है , बढ़ती  उम्र  किसी  पर  बोझ  या  अभिशाप  नहीं  होती । जीवन  की  जैसे  और  अवस्थाएं  हैं  वैसे  ही  वृद्धा  अवस्था  भी  है  किसी  भी  दृष्टिकोण  या  कायदे  कानून  से  वृद्ध  व्यक्ति  कमजोर असहाय  नहीं  हो  जाता,  ना  ही  आत्मनिर्भरता  छोड़  किसी  के  कंधे  का  सहारा  लेना …

धर्म और महिलाएं

 महिलाओं  की  शिक्षा , स्वतंत्रता , समानता  एवं  अधिकारों   के  बुनियादी  सवाल  हैं  तो  दूसरी  ओर  स्त्री  को  दूसरे  दर्जे  की वस्तु  मानने  वाले  धार्मिक , सामाजिक, विधि-विधान  पर  प्रथा परंपराएं  रीति-रिवाज  और  अंधविश्वास  जोर- शोर  से  थोपे  जाते  रहे  हैं ।                            …

बदलती जीवन शैली में फिटनेस का महत्व

 आजकल  की  जीवन  शैली  में  ज्यादातर  काम  मशीनों  से  ही करना  होता  है  इससे  शारीरिक  गतिविधियां  कम  हो  गई  है  खासकर  जिनका  काम  सारा  दिन  बैठने  का  होता  है  उन्हें  स्वास्थ्य  समस्याओं  का  सामना  ज्यादा  करना  पड़ता  है |  मोटापा  , उच्च  रक्तचाप , डायबिटीज, हृदय  संबंधी  बीमारियां  आम  बात  है  इसके  विपरीत  यदि  आप …

हमारे बच्चे ही हमारा भविष्य हैं

 बच्चे  हमारी  भविष्य  निधि  हैं । बच्चों  का  बचपन  तो  माता-पिता  के  संरक्षण  में  ही  बीतना  चाहिए , जैसे  एक  माली  बीज  बोता  है  उसके  लिए  खाद , मिट्टी , धूप , हवा , पानी  की  व्यवस्था  करता  है  पौधे  को  सीधा  खड़ा  रखने  के  प्रारंभिक  प्रयासों  में  सहारा  देना  पड़ता  है |  इसी  प्रकार …