साइबर अपराध – महिलाओं के लिए अतिरिक्त सावधानी जरूरी

साइबर  अपराध   सुशिक्षित  वर्ग  द्वारा  सुशिक्षित  वर्ग  के  साथ  होने  वाले  अपराध  है  जिन्होंने  महानगर  के  साथ – साथ , छोटे – बड़े  शहरों  को  भी  अपनी  चपेट  में  ले  लिया  है ।                                               सूचना  प्रौद्योगिकी  ने  हम  लोगों  के  जीवन  को  सरल , सुगम  और  आसान  बना  दिया  है , इंटरनेट  की सहायता  से  अब  दुनिया  भर  की  जानकारी  आपकी  मुट्ठी  में  है  अब  ना  देश – विदेश  की  दूरियां  है , ना  सात  समंदर पार  की  मजबूरियां , इंटरनेट  ने  दुनिया  को  छोटा  कर  दिया  है  लेकिन  यह  सुविधा  अपने  साथ  कुछ  खामियां  भी  लेकर आई  है ।                                                                       इंटरनेट  के  माध्यम  से  किसी  व्यक्ति  की  निजी जानकारी  भी  आसानी  से  ली  जा  सकती  है  जिसका  जमकर  दुरुपयोग  किया  जाता  है  । समाज  ने  भले  ही कितनी  भी  तरक्की  क्यों  न  कर  ली  हो  परंतु  आधुनिकता  के  बावजूद  महिलाओं  को  लेकर  समाज  की  सोच  में  कोई  ज्यादा  फर्क  नहीं  आया  है , आपसी  दुश्मनी  का  मामला  हो  या  फिर  किसी  से  बदला  लेने  की  बात  हो  अथवा  आपसी  रंजिश , अधिकांश  घटनाओं  में  महिलाएं  ही  आसानी  से  और  सुगम  जरिया  बनती  हैं  ।                         आजकल  ऐसे  ढेरों  उदाहरण  देखने  को  मिलते  हैं  जब  महिलाओं  के  अश्लील  एमएमएस  बनाकर  उन्हें  नेट  पर  अपलोड  कर  दिया  जाता  है  एक  सर्वे  के  अनुसार  करीब  63%  मामलों  में  तलाक  अथवा  ब्रेकअप  के  बाद  पति  अथवा  बॉयफ्रेंड  इस  प्रकार  की  हरकत  करते  हैं , साथ  ही महिलाओं  को  इंटरनेट  के  माध्यम  से  ब्लैकमेल  करने  की  घटनाएं  भी  लगातार  बढ़  रही  हैं , ऐसे  अधिकतर  मामलों  में  पहले  फेसबुक  पर  दोस्ती  होती  है , युवती  के  इंफॉर्मेशन इकट्ठे  कर  ली  जाती  है  और  फिर  शुरू  होता  है  ब्लैकमेलिंग  का  सिलसिला , इसके  अलावा  जहां  से  फोन  रिचार्ज करवाती  हैं  वहां  से  उनका  नंबर  लेकर  अश्लील  मैसेज , आदि  किए  जाते  हैं  इसके  साथ  ही  शॉपिंग  मॉल्स , दुकानों के  चेंजिंग  रूम्स  में  कैमरे  लगे  होने  की  घटनाएं  आए  दिन  अखबारों  की  सुर्खियां  बनती  हैं  अलग- अलग  नामों  से  फेक  अकाउंट  बनाकर  महिलाओं  को  निशाना  बनाया  जाता  है  इस  तरह  और  इससे  जुड़ी  सारी  घटनाएं  साइबर  अपराध  की  श्रेणी  में  आती  हैं  यह  शारीरिक  नहीं  बल्कि  मानसिक  अपराध  होते  हैं  जो  सीधे  महिलाओं  के  दिल  और  दिमाग  पर  वार  करते  हैं ।                                 साइबर  अपराध  से  कैसे  बचें – सतर्कता  से  ही  ऐसे  अपराधों  से  बचा  जा  सकता  है  अगर  साइबर  क्राइम  होता  है  तो  तुरंत  शिकायत  दर्ज  करें  साइबर  सेल  में  या  पुलिस  स्टेशन  में , राइट  टू  प्राइवेसी  के  तहत  आईपीसी  की  धारा  509 , 67 , 66  के  तहत  आप  शिकायत  दर्ज  करा  सकते  हैं  ऐसे  अपराधों  को  सहन  ना  करें  शिकायत  जरूर  दर्ज  कराएं  आप  जागरूक  रहेंगे  तो  इस  तरह  के  अपराधों  से  बच  सकेंगे ।

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