बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाएं
बच्चे का संपूर्ण विकास घर के माहौल और बचपन के अनुभवों पर निर्भर करता है इसलिए माता- पिता को बढ़ते बच्चों की परवरिश के दौरान कुछ खास बातों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए । प्रोत्साहन और सकारात्मकता एक बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अहम है बच्चे की अपनी और दुनिया के प्रति धारणा कम उम्र में ही विकसित होती है एक बच्चा कैसे सोचता है , वह क्या देखता है , क्या सुनता है , वह अपने आसपास के हालात पर कैसे प्रतिक्रिया देता है ये बातें उसकी पूरी छवि का निर्धारण करती है यदि बच्चे में चिंता ,तनाव , असंतोष और भय की भावना आने लगती है तो वह चिड़चिड़ा रहने लगता है उसका आत्मविश्वास भी कमजोर हो जाता है । बच्चे के कमजोर आत्मविश्वास को उसके शर्म या चुप्पी से समझा जा सकता है ऐसे में माता -पिता को ऐसे संकेतों को पहचानने की जरूरत होती है ऐसी रणनीति अपनानी होती है जिनसे बच्चे को अपनी समस्याओं का सामना करने में मदद मिले और उसका आत्मविश्वास बढ़े। माता पिता की भूमिका क्या सुनिश्चित करने के लिहाज से भी जरूरी है कि घर का माहौल दोस्ताना रहे ताकि बच्चा सुरक्षित महसूस करें और उसे बिना डांट के डर के अपनी बात को खुलकर रखने का मौका मिले । संवाद कायम करें – बच्चे में अपने परिवार के सदस्यों के साथ जुड़ाव और संवाद के साथ बचपन से ही सामाजिक कौशल विकसित होने लगते हैं इसलिए बच्चे के साथ अपना प्रभावी संवाद स्थापित करें सहयोगी सहज और स्नेहशील बने इससे संबंध विकसित करने में मदद मिलेगी और बच्चे में खुलकर बोलने का आत्मविश्वास बढ़ेगा। तारीफ और पुरस्कार – अपने बच्चे को बताएं कि आप उससे प्यार करते हैं माता – पिता को बच्चे को बताना चाहिए कि हर कोई अपने आप में खास है और हर एक की अपनी विशेषता क्षमता व प्रतिभा होती है बच्चे के लिए सकारात्मक यादों का निर्माण करें और छोटे – छोटे संकेतों के माध्यम से उसकी सफलता की तारीफ करें प्रोत्साहित करने के लिए कुकीज़ छोटी वस्तुओं के माध्यम से उन्हें पुरस्कृत करें उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने की स्थिति में डांटने से परहेज करें बच्चे को अगली बार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करें । काम करने के प्रति दृढ़ होना – बच्चा जब किसी दिए गए काम को पूरा करता है तो उसे अपने भीतर आत्मविश्वास महसूस होता है उसे प्रोत्साहन मिलता है इसलिए माता पिता को उसे किसी भी कार्य की कोशिश जारी रखने और हार ना मानने का सुझाव देना चाहिए और प्रोत्साहित करना चाहिए कि वह जरूर कामयाब होगा इससे उसे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में प्रेरणा मिलेगी । तुलना कभी ना करें – अपने बच्चे की क्षमताओं की तुलना दूसरे बच्चों के साथ कभी नहीं करनी चाहिए सभी बच्चों के मन के भाव अलग – अलग होते हैं बच्चे की उसके साथियों से तुलना से उसमें हीन भावना पैदा होती है तुलना से बच्चों में प्रतिद्वंदिता की भावना पैदा होती है जिसके चलते उसमें ईर्ष्या भी हो सकती है और यह बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। अपनी पसंद चुनने का मौका दें – अपनी पसंद चुननें , विकल्प और हालात को समझने में , बच्चे की मदद करने में , अभिभावकों की भूमिका काफी अहम है आत्मविश्वास विकसित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि फैसले वह स्वयं ले क्योंकि उसे सही गलत की समझ विकसित होगी और उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा | शिक्षकों से बात करें – माता – पिता के लिए अपने बच्चे का अपने साथियों और शिक्षकों के प्रति व्यवहार को समझना भी काफी अहम है जिससे उन्हें अपने बच्चे के सामाजिक जीवन को समझने में मदद मिले यह जानना भी जरूरी है कि उनका बच्चा बाहरी वातावरण में कैसा व्यवहार कर रहा है जैसे यदि वह घर पर आश्वस्त है तो क्या वह ऐसे स्कूल में भी करने में सक्षम है । बच्चे के शिक्षकों और दोस्तों से बात करें ताकि उसकी दिलचस्पी जानने में मदद मिले । काल्पनिक खेल का इस्तेमाल करें – काल्पनिक खेलों के माध्यम से बच्चे आसपास के लोगों और वस्तुओं से काल्पनिक हालात तैयार करते हैं और उस में अपनी भूमिका निभाते हैं ऐसे खेलों से उन्हें बड़ा सोचने में मदद मिलती है और वे जैसा बनना चाहते हैं जैसे दुनिया जीना चाहते हैं उसके बारे में पता चलता है ऐसे खेलों में भाग लेने से माता – पिता को बच्चों की कल्पनाओं में झांकने और उन्हें आत्मविश्वास पूर्वक प्रेरित करने का मौका मिलता है । सबसे अहम बात यह है कि बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए संबंधों में भरोसा होना चाहिए अपने बच्चे से प्यार करें , एक मजबूत संबंध का निर्माण करें और उसे विकसित करें बच्चे को मालूम होना चाहिए कि जब भी उसका आत्मविश्वास कम होगा आप उसकी मदद करने के लिए मौजूद हैं । बच्चे के साथ भरोसेमंद और सहज संबंध विकसित करें ताकि जब भी उसे कोई समस्या हो वह आपके पास आए इससे बच्चा आपकी बात को सुनेंगा और आपकी सलाह का सम्मान भी करेगा प्रमाण देकर उसे अपनी राय विकसित करने में मदद करें उसका आत्मविश्वास और समझ का दायरा बढ़ेगा इससे उसे अपने साथियों के सामने अपनी बात रखने उनकी बातों को सुनने और दूसरों की राय को सम्मान देने में मदद मिलेगी ।
This is really motivational 👍👍
For parents like us who are really struggling in raising children who are truly a challenge. and lockdown has made the situation even worse. I feel much better and every time I learn some or the other patenting tips in these tough times. Thanks for such a post😊
Bachao ko apne busy schedule m s ek baar tym nikalna chaiye agr nhi hua to bacho unfeeling Or dis a point hoge or parents k sath jo imo baat bhi share krni hogi book bhi nhi karege isliye tym deba chaiye
Great article
Keep writing
Informative article.
Good information
Md-newslive