हमारा जीवन हमारे नजरिए पर निर्भर है

कई  बार  जीवन  में  कुछ  ना  पाने  वाला  भी  खुश  रहता  है  दूसरी  ओर  सफल  से  सफल  व्यक्तियों  को  भी  जीवन  से  शिकायत  रहती  है  कि  उन्हें  जो  मिला  है  उससे  वे  और अधिक  पाने  के  हकदार  थे।                                                                              बेहतर  जीवन  की  कुंजी  यह  है  कि  हम  जहां  रहते  हैं  वही  खुश  रहने  की  कोशिश  करें,  और  प्रसन्नता  के  कारण  तलाश  करें , संभव  है  अनेक  महिलाओं  को  अपने  घर  में  वह  खुशी  ना  मिल  पाती  हो  जिनकी  उन्हें  तलाश  है  बहुत  मुमकिन  है  कि  कुछ  महिलाओं  को  अपने  काम  में खुशी  मिलती  हो , बहुत  सी  महिलाओं  को  गैर  लाभकारी  कलाओं  में  खुशी  मिलती  है  ,वहीं  बहुत   महिलाओं  को  अपने  परिवार  को  खुश  रखने  में  खुशी  मिलती  है , तो  कुछ  महिलाओं  को  अकेलेपन  में  खुशी  मिलती  है  पर  इस  ख़ुशी  का  एहसास  कर  पाना  भी  बहुत  जरूरी  और  महत्वपूर्ण  है।               

साफ  है  कि  जिस  तरह  हमारा  जीवन  एकपक्षीय  नहीं  है  उसी  तरह  खुशी  की  भी  कोई  सर्वमान्य  परिभाषा  नहीं  है  जीवन  में  कुछ  पाने  के  लिए  जीवन  का  लक्ष्य  तय  कर  लेना  आवश्यक  है  लेकिन  हर  आदमी  के  जीवन  का  लक्ष्य  एक  नहीं  होता  जीवन  के  बारे  में  हर  व्यक्ति  की  सोच  अलग – अलग  होती  है  ऐसे  में  यह  सोच  लेना  भ्रामक  है  कि   महिलाएं  सिर्फ  एक  ही  तरह  के  काम  कर  सकती  हैं ।                                                आप  चाहे  जीवन  के  किसी  भी  क्षेत्र  में  हो  पर  जीवन  में  आपको  सब  कुछ  करना  ,सीखना   तथा  पाना होगा  इसका  एक  अर्थ  यह  भी  है  कि  लाखों  महिलाएं  अगर  अपने  जीवन  में  कुछ  हासिल  नहीं  कर  पाती  ,खुद  को  पुरुषों  की  तरह  साबित  नहीं  कर  पाती  तो  इसके  लिए  वही  जिम्मेदार  हैं । मेरी  पीढ़ी  की  औरतें  मेरी  तरफ  फेमिनिज्म  के  आदर्शों  में  रची  बसी  हैं  और  परिवार  और  नौकरी  के  बीच  ना  सुलझ  सकने  वाली  समस्याओं  के  बीच  में  परेशान  है  फिर  भी  खुद  को  साबित  करने  की  उनकी  प्रतिबद्धताओं  में  कोई  कमी  नहीं  आई  है  लेकिन  आज  की  युवा  पीढ़ी  की  कुछ  महिलाएं  जब  यह  कह  देती  हैं  कि  आप  सब  कुछ  हासिल  कर  सकती  हैं  जैसी  बातें  सिर्फ  कहने  के  लिए  हैं  तब  कुछ  कहना  वाकई  जरूरी  हो  जाता है  सबसे  पहली  बात  यह  है  कि  इस  दुनिया  में  कोई  खुश  नहीं  है , कोई  भी  व्यक्ति  चाहे  वह  स्त्री  हो  या  पुरुष  ऐसा  नहीं  है  कि  जिसके  पास  सब  कुछ  है  वह  बहुत  खुश  है  हमारे  जीवन  की  सार्थकता  इसी  में  है  कि  हम  जीवन  में  खुशी  की  तलाश  करें , किसी  को  सूरज  या  दूब  के  शिखर  पर  ओस  की  बूंदे  ही  देखकर  अपार  खुशी  मिल  जाती  है  जबकि  कुछ  लोगों  को  सोने  का  ताज  भी  खुश  नहीं  कर  पाता  इसलिए  हमारे  जीवन  की  खुशियां  ,सुख  और  दुख  सब  कुछ  हमारे  नजरिए  पर  निर्भर  करता  है

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