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बच्चों के विकास में खिलौनों की अहम भूमिका
दो से 5 वर्ष की उम्र किसी भी बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण होती है , क्योंकि उस उम्र में बच्चा काफी कुछ नया सीखने की प्रक्रिया से गुजर रहा होता है साथ ही तेजी से उसका शारीरिक और मानसिक विकास भी हो रहा होता है , शोधकर्ताओं के अनुसार 5 साल की …
बड़े काम की ‘ छोटी बाते
कुछ छोटी बातें बड़े काम की होती हैं बस थोड़ी सी जानकारी और कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर ,अपने घर की रसोई और खाने की चीजों को बेहतर ढंग से काम में लाया जा सकता है , कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं – …
मन का रिश्ता – दोस्ती
दोस्ती मानसिक सेहत के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं होती । जिंदगी में एक दोस्त जरूर होना चाहिए जिसे आप जब चाहे कॉल करें, मैसेज कर सके , सलाह – मशवरा ले सके , सुख – दुख बांट सकें और खुलकर हंस सके , जब चाहे मिल सके , बेझिझक होकर निसंकोच होकर …
रिश्तो में भावनाएं नहीं , हावी होता पैसा
आज पैसा नई पीढ़ी के लिए मौज मस्ती करने और सारी भौतिक चीजों को पाने का पर्याय बन गया है | एक आम धारणा बनती जा रही है कि जिसके पास जितना अधिक पैसा होगा वह उतना ही अधिक सुखी होगा क्योंकि संपन्नता को ही सुखी होने का आधार माना जाने लगा है लेकिन सवाल …
आत्मविश्वास के पंख फैलाए – खुलेगा आसमान
हमारे परिवार समाज आस- पड़ोस में आए दिन लड़कियों के प्रति घट रही भेदभाव की घटनाएं झकझोर देती हैं और मजबूर करती हैं यह सोचने के लिए कि क्या हम वाकई 21 वीं सदी की ओर जा रहे हैं । विद्या से परिपूर्ण होकर जब महिलाएं आंखें खोलेंगी तब अनुभव करेंगी सत्य , कि आत्मविश्वास …
समाज की विकृत मानसिकता – अपशगुन
भारतीय समाज में शगुन और अपशगुन का खेल सदियों से चला आ रहा है । हमारे समाज के लोग इस शगुन और अपशुगन के चक्कर में फस कर कई महिलाओं को अपमानित ही नहीं करते बल्कि उन्हें नर्क से बदतर जीवन जीने के लिए भी मजबूर कर देते हैं सबसे हैरानी की बात तो …