सकारात्मक रहें , सफलता पाएं
सकारात्मकता कैसी भी हो पर वह अपना प्रभाव अवश्य छोड़ती है, यह एक ऐसा प्रकाश है जिसे दिन में भी महसूस किया जा सकता है जीवन के प्रति अपनी दृष्टि सकारात्मक रखने वाले जहां भी जाते हैं वहां अपनी छाप छोड़ देते हैं ऐसे लोग अपने साथ ऊर्जा का एक प्रकाश पुंज लेकर चलते हैं उनके पहुंचते ही सारी चीजें आसान होने लगती हैं । कई बार हमारे दिमाग में एक ही बात या घटना चलती रहती है और हम उसके बारे में ही सोचते रहते हैं परंतु यह अति चिंतन है जो हमेशा हानिकारक होता है चिंतन बहुत जरूरी है परंतु अति चिंतन न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है । प्रकृति ने बड़ा ही सुंदर सामंजस्य बनाया हुआ है दिन – रात , बादल – बारिश, सुख – दुख , जीवन – मृत्यु, माता – पिता, पति – पत्नी , कुछ भी बेजोड़ नहीं है सब एक दूसरे के महत्व को समझें इसीलिए इन्हें एक- दूसरे का पूरक बनाया गया है । आज जैसे -जैसे मानव प्रगति की ओर बढ़ रहा है रिश्तो की मधुरता कड़वाहट व अविश्वास की ओर बढ़ रही है , रिश्तो की परिभाषा बदलती जा रही है सब अपने में ही मस्त हैं इस वजह से हर रिश्ते की डोर कच्ची होती जा रही है । कई समस्याएं कुछ इंतजार के बाद खुद- ब -खुद सुलझ जाती हैं और कुछ के लिए उपाय करने होते हैं , समस्याओं के सामने आते ही जो लोग चीखने , चिल्लाने लगते हैं समाधान उनसे उतना ही दूर चला जाता है यदि हम समस्या के मूल को पहचान ले तो उसके निवारण में आसानी होगी । लक्ष्य पर ध्यान व मेडिटेशन – योजना बनाकर अपने लक्ष्य पर कार्य करें , इसके अलावा ध्यान, मेडिटेशन को अपनाकर आप अपने शारीरिक व मानसिक फिटनेस की तरफ ध्यान दें , जब भी अति चिंतन की समस्या हो तो खुद को दूसरे कार्यों में व्यस्त करें इससे दिमाग कहीं और लगेगा और आप नकारात्मक सोच से बाहर निकल पाएंगे। इसकी जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएँ https://palakwomensinformation.com/2020/09/mann-ka-andhkar.html सफलता की कुंजी आपकी सकारात्मक सोच है , अगर सोच सकारात्मक होगी तो जीवन अलग होगा । सकारात्मक सोच से ही आप लक्ष्य पर आसानी से प्रफुल्लित होकर खुशी से आगे बढ़ते हैं , वहीं अगर विचार नकारात्मक हो तो हृदय में लक्ष्य के प्रति संशय रहता है इसके फलस्वरूप क्रोध, आक्रोश , निराशा ,आपके साथ – साथ चलते हैं । नकारात्मकता एक परेशान सी असफल सी जिंदगी का सूचक है यानी कि हमें अपनी सोच पर ध्यान देना होगा और उसे सफल बनाना होगा , और सही मानिए सकारात्मक सोच से अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ें तो सफलता आपके कदम चूमेगी | इसके लिए आपको कुछ मूल बिंदुओं पर भी ध्यान देना चाहिए – * ऐसे लोगों से मेलजोल वह मित्रता बढ़ाएं जिनकी जीवन के प्रति सकारात्मक सोच हो । * जब नकारात्मकता या नकारात्मक सोच आप पर हावी होने लगे तो आप कुछ अपने मनपसंद शौक , जिससे आपको खुशी मिलती हो पूरा करें इससे आपकी नकारात्मकता पर विराम लगेगा । * शारीरिक स्वास्थ्य आपकी सकारात्मक सोच के लिए जरूरी है क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है । जैसे बड़े से बड़े तूफान में जहाज लंगर के सहारे स्थिर व सुरक्षित रहता है वैसे ही मनुष्य भी अपने जीवन में विपदाओं को झेलता हुआ आशा व सकारात्मकता के सहारे स्थिर व संतुलित रहता है , संसार में जो भी अच्छे कार्य व क्रियाकलाप होते हैं उन सब का मूल सकारात्मक प्रयास हीं है , निराशा की अवस्था मनुष्य के जीवन में क्षणिक होते हैं मनुष्य अपनी भलाई के लिए सकारात्मक विचारों व आशा के बल पर ही कार्यों को सिद्ध कर सकता है ।
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