बच्चों को बताएं पैसे का महत्व

पैसों  की  अहमियत  और  मनी  मैनेजमेंट  यह  सिर्फ  एक  तर्क  या  शब्द  नहीं  बल्कि  हमारी  जिंदगी  की  एक  अच्छी  आदत  भी  है । हालांकि  यह  अच्छी  आदत  हमारे  बड़े  बुजुर्ग  एक  तरह  से  हमें  विरासत  में  देकर  जाते  हैं  विरासत  के  साथ – साथ  बचपन  से  ही  हमें  इस  आदत  की  ट्रेनिंग  दी  जाती  है , ऐसा  इसलिए  क्योंकि  पैसे  का  सही  तरीके  से  प्रबंधन  सीख  कर  ही  हम  अपना  भविष्य  बेहतर  बना  सकते  हैं ।                                     आपने  कई  बार  कहा  या  सुना  होगा  कि  पैसे  पेड़  पर  नहीं  उगते, पर  क्या  यह  आपके  बच्चों  को  पता  है , अगर  आप  अपने  बच्चों  को  आत्मनिर्भर  और  जिम्मेदार  बनाना  चाहती  हैं  तो उन्हें  पैसों  के  महत्व  को  जानने  और  महसूस  करने  का  मौका  दें , जिंदगी  के  गणित  में  पैसे  का  बहुत  महत्व  है ।                                                       आज  के  दौर  के  बच्चे  पहले  से  ही  काफी  एडवांस  हैं  तो  समय  के  साथ  ही  इस  आदत  को  अपना  ही  लेंगे  मगर  क्या  आप  जानती  हैं  कि  एक  शोध  के  अनुसार  बच्चों  को  बचपन  से  जो  सीख  मिलती  है  उसी  को  वे  भविष्य  में  भी  अपनाते  हैं  ,मतलब  गलत  आदतों  को  सीखकर  गलत  रास्तों  का  चुनाव  और  अच्छी  आदतों को  सीखे  तो  अच्छे  भविष्य  के  साथ  अपने  आने  वाली  पीढ़ी  को  भी  अच्छी  आदतें  विरासत  में  एक  तोहफे  के  रूप  में  देंगे ।                                             जरूरत  और  चाहत  में  अंतर –  बच्चे  को  जरूरत  और  चाहत  में  फर्क  समझाएं  ,उसको  बताएं  कि  वह  जरूरी  चीजों  पर  ही  खर्च  करें  और  फिजूलखर्ची  बिल्कुल  ना  करें  ,इसके  साथ  ही  उसे  सस्ती  और  महंगी  चीजों  का  फर्क  भी  समझाएं  इससे  उसे  जरूरत  के  अनुसार  पैसे  खर्च  करने  की  समझ  मिलेगी,  वह  पैसों  को  संभाल  कर  रखना  और  जरूरत  के  वक्त  खर्च  करना  सीख  जायेंगे ।                   फिजूलखर्ची  के  नुकसान – कभी – कभी  बच्चे  गलत  चीजों  की  जिद  पकड़  लेते  हैं , उन्हें  समझाएं  इस  पर  सिर्फ  पैसा  बर्बाद  होता  है  जो  फिजूल  खर्च  है ।                                                                 अधिकांश  माता – पिता  बच्चों  से  कहते  हैं  कि  उनको  जो  चाहिए  वह  खुद  ला  कर  देंगे  यह  भी  तरीका  गलत  है  माता – पिता  को  बच्चों  को  पॉकेट  मनी  के  अनुसार  खर्च  करने  की  सलाह  देनी  चाहिए  बच्चों  को  बताएं  कि  अगर  कोई  सामान  चाहिए  तो  उसके लिए  आपको  खुद  ही  पैसे  इकट्ठे  करने  चाहिए  इससे  बच्चा  मोटिवेट  होगा  वह  अपने  लिए  कैसे  बचत  करें  साथ  ही  उसका  हौसला  भी  बढ़ेगा  इस  छोटे  प्रयास  से  बच्चे  की  माता  पिता  पर  निर्भरता  कम  होगी  साथ  ही  वह  अपनी  ही  बचत  का  पैसा  खर्च  करेगा  वह  सोच  समझकर  खर्च  करना  सीखेगा , बच्चे  की  महंगी  डिमांड  को  पूरी  करने  की  आदत  भूलकर  भी  ना  डालें ।                                                                     खुद  पर  नियंत्रण – अब  आप  यह  न  सोचे  कि  सब  करने  से  बचत  के  गुण  बच्चे  में  यूं  ही  आ  जाएंगे , बच्चे  अपने  माता – पिता  से  ही  सबसे  ज्यादा  सीखते  हैं  ऐसे  में  अगर  आप  खुद ज़्यादा  पैसा  खर्च  करती  हैं  और  बच्चे  से  उम्मीद  करती  है  कि  वह  पैसों  की  बचत  करना  सीखे  तो  यह  गलत  होगा  इसलिए  पहले  खुद  पर  काबू  करें  और  बदलाव  के  साथ  अच्छी  आदतों  को  अपनाएं , आपके  बच्चों  में  इन  आदतों  का  असर  जल्द  ही  देखने  को  मिल  जाएगा  और  वे  डिजिटल  युग  में  एडवांस  होने  के  साथ  समझदार  भी  कहलाएंगे ।

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