बचपन – परवरिश की अहमियत

आप  अपने  बच्चे  को  कल  जैसा   बनाना  चाहती  हैं  उसकी तैयारी  आपको आज  बचपन  से  ही  करनी  होगी , आज  की  भागम  भाग  वाली  जिंदगी  में  जहां  ज्यादातर  माता – पिता  दोनों  ही  वर्किंग  होते  हैं  जहां  इस  बात  की  अहमियत  बहुत  बढ़  गई  है  कि  हम  अपने  बच्चे  की  परवरिश  कैसे  कर  रहे  हैं  इसके  लिए  सबसे  पहले  अपनी  व्यस्त  जीवनशैली  में  से  जितना  हो  सके  उतना  समय  अपने  बच्चे  के  लिए  निकालें  इस  बात  में  कोई  शक  नहीं  है  कि  माता – पिता  दोनों  का  कमाना  आज  के  वक्त  की  जरूरत  बन  गया  है  लेकिन  इस  चक्कर  में  अपने  बढ़ते  बच्चे  को  हरगिज  इग्नोर  ना  करें ।                                     माता – पिता  बच्चों  के  पहले  गुरु –  आप  अपने  बच्चे  के  सामने  जिस  तरह  की  क्रियाकलाप  करेंगे  बच्चे  उसकी  नकल  करना  शुरू  कर  देंगे  इसलिए  बच्चों  के  सामने  वैसे  काम  हरगिज़  ना  करें  जो  आपकी  नजर  में  ठीक  नहीं  है  खुद  व्यवस्थित  रहे  ताकि  बच्चे  में  भी  व्यवस्थित  रहना  सीखने  की  चाह  पैदा  हो ।                                                             बच्चे  के  साथ  समय  गुजारे – चाहे  वक्त  की  कमी  हो  या  ना  हो  यह  बात  बहुत  जरूरी  है  कि  आप  अपने  बच्चे  के  साथ  समय  गुज़ारें  वरन  उसे  अपना  क्वालिटी  टाइम  दें  इसका  सीधा  मतलब  यह  है  कि  आप  बच्चे  की  हर  एक्टिविटी  में  शामिल  रहे  साथ  ही  उसे  सही  गलत  की  जानकारी  भी  देती  रहें , उसके  साथ  छोटे – छोटे  गेम्स  खेले  या  मनोरंजक  कहानियां  सुनाएं  इससे  बच्चे  की  दिमागी  विकास  में  सहायता  मिलेगी ।                                                                 डिजिटल  दुनिया  से  दूरी  है  जरूरी – जितना  हो  सके  बच्चों  को  तकनीकी  चीजों  से  दूर  रखें  डॉक्टर्स  का  मानना  है  कि  आजकल  छोटे  बच्चों  के  विकास  में  सबसे  बड़ी  बाधा  यह  तकनीकी  चीजें  ही  है  इससे  बच्चों  की  फिजिकल  एक्टिविटी  घट  गई  है  जो  उनके  संपूर्ण  विकास  में  रुकावट  पैदा  करती  है ।                                                                                शेयरिंग  की  आदत  डालें –  बच्चों  की  दुनिया  बहुत  छोटी  होती  है  कुछ  गिने – चुने  दोस्त  ही  उसमें  शामिल  होते  हैं  इसलिए  अपने  बच्चे  में  शेयर  करने  की  आदत  डालें  साथ  ही  अपने  बच्चे  में  गरीब  और  जरूरतमंद  बच्चों  से  अपनी  चीजें  बांटने  की  आदत  डालें  इससे  उनके  व्यक्तित्व  निर्माण  में  सहायता  मिलेगी  बर्थडे  जैसी  गतिविधियों  को  महज  पार्टी  तक  सीमित  ना  रखें  बल्कि  उन्हें  ऐसे  बच्चों  के  बीच  में  ले  जाए  जहां  उन्हें  अपने  जीवन  के  दूसरे  पहलू  को  भी  जानने  का  मौका  मिले ।                                                                                    प्रकृति  से  दोस्ती  भी  है  जरूरी – बढ़ते  बच्चे  दुनिया  की  हर  चीज  को  लेकर  बहुत  उत्सुक  होते  हैं  ऐसे  में  उन्हें  पेड़  पौधों  के  करीब  ले  जाएं  छोटे  बच्चों  को  हाथों  से  पत्ते  व  फूल  वगैरह  महसूस  करने  दें |  शोध  की  मानें  तो  इस  तरह  के  बच्चे  जो  प्रकृति  प्रेमी  होते  हैं  वह  स्वभाव  के  शांत  व  दयालु  होते  हैं  बच्चों  में  इस  गुण  के  विकास  के  लिए  गार्डन  में  उनके  साथ  मिलकर  बागवानी  करें , फूल  पौधों  की  अहमियत  उन्हें  समझाएं ।                ना  सुनने  की  आदत  भी  डालें – हम  अपने  बच्चे  की  हर  जरूरत  पसंद  नापसंद  को  मानते  हुए  उसके  मन  की  ही  करने  लग  जाते  हैं  बच्चे  अक्सर  जिद  करके  या  रोकर  अपनी  बात  मनवा  लेते  हैं  ऐसे  में  उन्हें  ना  सुनने  की  भी  आदत  डालें  इससे  बच्चा  जिद्दी  नहीं  बनता  उन्हें  सही  गलत  के  चुनाव  को  समझाएं  बच्चे  के  शुरुआती  दिनों  की  आदत  ही  उसके  व्यक्तित्व  का  हिस्सा  बन  जाती  है ।                                                       सिखाएं  सबकी  इज्जत  करना – जब  हम  कोई  आदत  बच्चे  में  शुरुआत  से  डालते  हैं  तो  बच्चे  उसे  जल्दी  सीख  जाते  हैं  अक्सर  हम  अपने  बच्चों  से  हंसी  मजाक  में  लड़की  लड़के  के  बीच  का  फर्क  कर  देते  हैं  यह  कह  कर  कि  यह  काम  लड़के  करते  हैं  या  लड़कियां  करती  हैं  आज  के  वक्त  में  हमें  इस  आदत  को  बदलने  की  बेहद  जरूरत  है  चाहे  वह  लड़का  हो  या  लड़की ।                    

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