हमारा जीवन हमारे नजरिए पर निर्भर है
कई बार जीवन में कुछ ना पाने वाला भी खुश रहता है दूसरी ओर सफल से सफल व्यक्तियों को भी जीवन से शिकायत रहती है कि उन्हें जो मिला है उससे वे और अधिक पाने के हकदार थे। …
कई बार जीवन में कुछ ना पाने वाला भी खुश रहता है दूसरी ओर सफल से सफल व्यक्तियों को भी जीवन से शिकायत रहती है कि उन्हें जो मिला है उससे वे और अधिक पाने के हकदार थे। …
सफलता का मतलब है -. जीतना | सफलता – उपलब्धि ,मनुष्य के जीवन का लक्ष्य है । हर इंसान सफलता चाहता है , हर व्यक्ति चाहता है कि उसे जिंदगी का हर सुख मिले , अगर आप सफल होना चाहते हैं तो व्यक्तिगत रूप से वास्तविक रहें और अपने पैर धरती पर रखें । सफल जीवन …
सकारात्मकता कैसी भी हो पर वह अपना प्रभाव अवश्य छोड़ती है, यह एक ऐसा प्रकाश है जिसे दिन में भी महसूस किया जा सकता है जीवन के प्रति अपनी दृष्टि सकारात्मक रखने वाले जहां भी जाते हैं वहां अपनी छाप छोड़ देते हैं ऐसे लोग अपने साथ ऊर्जा का एक प्रकाश पुंज लेकर चलते हैं …
महामारी के इस कठिन समय में कई लोगों का मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ा रहा है , कोरोना की दूसरी लहर में इंसान एक बार फिर घर की चारदीवारी में कैद होने पर मजबूर है कहीं यह बीमारी उसे या उसके परिवार को न लग जाए और अगर वह बीमार पड़ जाए तो इलाज कैसे और कहां …
संवेदना यानी कि किसी की वेदना उसी की तरह अनुभव करने वाली भावना , यह भावना रखने वाला व्यक्ति संवेदनशील माना जाता है । दयालुता व संवेदना संबंधों को मजबूती से जोड़े रखने का काम करती हैं ,शोध बताते हैं कि किसी भी संबंध में दयालुता व भावनात्मक स्थिरता ही टिकाऊ और संतुष्टि की गारंटी …
रिश्ते , अगर इसमें हम एक दूसरे की भावनाओं को अहमियत नहीं देंगे तो रिश्ते की नींव डगमगा जाएगी | प्रेम की इस आनंदित दुनिया में एक दूसरे के प्रति समर्पण ही उनके विश्वास को मजबूत बनाता है लेकिन क्या यह बातें मौजूदा वक्त के संबंधों की व्याख्या करता है शायद नहीं , इसलिए नहीं …
प्रत्येक महिला के जीवन में 40 से 50 वर्ष की उम्र तक एक ऐसा पड़ाव आ जाता है जब उसके बच्चे नौकरी या शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से दूर चले जाते हैं । कामकाजी महिलाओं की जीवन शैली पर इससे कुछ अधिक फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उनकी व्यस्तता तो जस की तस ही …
जिंदगी के खट्टे मीठे पलों में संतुलन बनाना व प्यार से अपने रिश्तो को संभालना बहुत जरूरी है | अब रिश्तो में वह पहले वाली मिठास नहीं रही सब प्रैक्टिकल हो गए हैं आजकल यह जुमला आपको अक्सर सुनने को मिल जाएगा | वैसे तो रिश्ते निभाने वालों पर निर्भर करता है जो बदलती लाइफस्टाइल …
वक्त के साथ सब कुछ बदलता रहता है जैसे हमारा खान- पान ,दिनचर्या ,वर्क स्टाइल , इसलिए समझदारी इसी में है कि हम उसे मैनेज करना सीखे, फिर चाहे वह अनिद्रा, तनाव ,मोटापा, प्रदूषण आदि की ही समस्या क्यों ना हो । …
सारा विज्ञान ही प्रश्नों पर आधारित है क्योंकि जिस प्रश्न का उत्तर मिल जाता है उस प्रश्न का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है , यदि जीवन से भी प्रश्न समाप्त हो जाए तो जीवन में रोमांच ही समाप्त हो जाएगा । …