रिश्तो में भावनाएं नहीं , हावी होता पैसा

आज  पैसा  नई  पीढ़ी  के  लिए  मौज  मस्ती  करने  और  सारी  भौतिक  चीजों  को  पाने  का  पर्याय  बन  गया  है | एक  आम  धारणा  बनती  जा  रही  है  कि  जिसके  पास  जितना  अधिक  पैसा  होगा  वह  उतना  ही  अधिक सुखी  होगा  क्योंकि  संपन्नता  को  ही  सुखी  होने  का  आधार  माना  जाने  लगा  है  लेकिन  सवाल …

जीवन से हारे नहीं जीवन सवारे

 अगर आपके पड़ोसी के घर में चोरी हो रही है और आप आराम से सो रहे हैं तो याद रखिए अगला नंबर आपका है | जाने-माने मोटीवेटर शिव खेड़ा जी के शब्द इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि वर्तमान समाज में दो घरों के बीच इतनी गहरी खाई है जितना पहले दो देशों…

हुनर से बनाए जिंदगी की राह आसान

 जिंदगी  के  एक  पड़ाव  पर  आकर  जैसे  जिंदगी  थम  सी  जाती  है | बच्चे  अपना  करियर  बनाने  में  रम  जाते  हैं  और  पति  अपने  व्यवसाय  में |  इस  उम्र  में  आकर  महिलाएं  जिंदगी  में  सूनापन  और  खालीपन  महसूस करने  लगती  हैं  और  कुछ  तो  रोजमर्रा  के  काम  में  बंध  कर  बोर  होने  लगती  हैं ।…

आत्मविश्वास के पंख फैलाए – खुलेगा आसमान

हमारे  परिवार  समाज  आस- पड़ोस  में  आए  दिन  लड़कियों  के  प्रति  घट  रही  भेदभाव  की  घटनाएं  झकझोर  देती  हैं  और  मजबूर  करती  हैं  यह  सोचने  के  लिए  कि  क्या  हम  वाकई  21 वीं  सदी  की  ओर  जा  रहे  हैं ।  विद्या  से  परिपूर्ण  होकर  जब  महिलाएं  आंखें  खोलेंगी  तब  अनुभव  करेंगी  सत्य ,  कि  आत्मविश्वास …

हम किसी से कम नहीं

अगर  मन  में  कुछ  अलग  करने  का  जज्बा  हो  तो  आप  किसी  भी  हालात  में  कामयाब  होंगे , कहते  हैं सफलता  न  सूरत  देखती  है  ना  हैसियत  सफलता  सिर्फ  काबिलियत  देखती  है | आज  की  युवा  पीढ़ी  अपनी शिक्षा  व  सोच  की  बदौलत  नए – नए  पड़ाव  पार  कर  रही  है  और  स्त्री  सशक्तिकरण  की …

अंतर्द्वंद- मन का अंधकार करें दूर

 आज  संसार  का  हर  व्यक्ति  दुविधा  से  ग्रस्त  है  क्योंकि  वह  सिर्फ  निजी  स्वार्थ  के  बारे  में  सोचता  है  लेकिन अपने  लिए  सारी  सुख – सुविधाएं  जुटा  लेने  के  बावजूद  वह  अंदर  से  खालीपन  महसूस  करता  है | आज हमारे  पास  भौतिक  सुख-सुविधाओं  के  हजारों  विकल्प  मौजूद  हैं  और  गहरी  आसक्ति   की  वजह  से …

भावनात्मक रूप से कितनी फिट हैं आप

 क्या  आप  छोटी-छोटी  बातों  से  भी  उदास  हो  जाती  हैं  छोटी  सी  बात  पर  भी  आपको  बहुत  गुस्सा  आता  है  और  आप  रोने  लग  जाती  हैं  तो  इसका  मतलब  यह  है  कि  आप  भावनात्मक  रूप  से  फिट  नहीं  है। हंसना  रोना  जिंदगी  का  एक  हिस्सा  है  लेकिन  छोटी -छोटी  बातों  पर  रूठ  जाना  और  रोने …

प्रतिकूल परिस्थिति और दृढ़ इच्छाशक्ति

 हम  सब  का  जीवन  कहानियों  सरीखा  होता  है। हर  कहानियों  में  रंग  कभी  फीके  कभी  गाढ़े  कभी  उदासी  व  उत्साह  के  रंग। कभी  खुशी , निराशा , कुंठा। बस  फर्क  यह  है  कि  कुछ  लोग  जिंदगी  में  आई  मुश्किलों  से  टूट  जाते  हैं  उस  से  हार  जाते  हैं  और  कुछ  इसे  चुनौती  मानते  हुए  दिक्कतों …

नकारात्मक सोच रिश्तों में दरार

हमारे  आस – पास  हज़ारों  तरह  के  रिश्ते  बुने  होते  हैं | घर  में  माता-पिता , भाई – बहन  जैसे  अनमोल  रिश्ते  तो  बाहर  की  दुनिया  में  दोस्तों  व  सखी  सहेलियों  के  रूप  में  और  विवाह  के  बाद  किसी  रिश्ते  की  भाभी , मामी , चाची  और  बहू  के  रूप  में | रिश्ते  को  मजबूत …