महिलाओं की कुछ फाइनेंसियल गलतियां

महिलाओं  को  घर  के  फाइनेंस  के  बारे  में  स्मार्ट  समझा  जाता  है  लेकिन  फाइनेंस  से  संबंधित  ऐसी  कई  बातें  हैं  जहां  जाने  अनजाने  में  वह  लापरवाही  कर  जाती  हैं ।                                                             महिलाएं  फाइनेंशली  मजबूत  बने  इसके  लिए  उनका  आत्मनिर्भर  होना  बहुत  जरूरी  है , अधिकतर  घरों  में  महिलाएं  फाइनेंस  से  जुड़े  हुए  बहुत  से  निर्णय  खुद  नहीं  ले  पाती ।                                  फाइनेंसियल  गलतियां –                              समय  नहीं  और  कुछ  समझ  में  नहीं  आता –  इन्वेस्टमेंट  करने  या  फिर  फाइनेंशियल  चीजों  को  हैंडल  करने  के  मामले  में  अक्सर  महिलाएं  कुछ  समझ  नहीं  आ  रहा  या  समय  नहीं  है  का  रोना  रोती  हैं  ऐसी  सोच  रखने  वाली  महिलाओं  को  यह  सोचना  चाहिए  कि  यदि  आप  बीमार होती  हैं  तब  क्या  डॉक्टर  के  पास  नहीं  जाते  ,उस  पर  फैमिली  डॉक्टर  से  इलाज  न  होने  पर  किसी  स्पेशलिस्ट  के  पास  भी  जाना  पड़ता  है , कानूनी  समस्या  होने  पर  एडवोकेट  के  पास  ,टैक्स  प्रॉब्लम  होने  पर  चार्टर्ड  अकाउंटेंट  के  पास  चले  जाते  हैं  तो  फिर  आर्थिक  आयोजन  के  लिए  फाइनेंशियल  प्लानर  की  सलाह  क्यों  नहीं  ली  जा  सकती ।                                   इमरजेंसी  के  लिए  प्लानिंग  ना  करना –  अक्सर  देखा  गया  है  कि  कुछ  महिलाएं  चाहे  वह  वर्किंग  हो  या  हाउसवाइफ  भविष्य  में  होने  वाली  आपात  स्थिति  के  लिए  कुछ  भी  सेविंग  नहीं  करती  वह  किसी  भी  प्रकार  की  कोई  आर्थिक  योजना  नहीं  बनाती  ,केवल  घर , गृहस्थी  और  नौकरी  करना और  पैसे  कमाना  ही  सब  कुछ  नहीं  है  वक्त  रहते  प्लानिंग  करना  ही  समझदारी  है ।             क्रेडिट  कार्ड,  लोन  से  खर्च  करना –  कुछ  महिलाएं  क्रेडिट  कार्ड  , लोन  आदि  के  जरिए  अपने  शौक  आदतों  और  ऐशो – आराम  के  लिए  बेहिसाब  खर्च  करती  हैं ।  ” आज  नगद  कल  उधार  ” की  नीति  अपनाएं  अपने  शौक  व  जरूरतों  की  प्राथमिकताओं  पर  ध्यान  दें  खर्च  करने  से  पहले  अपनी आमदनी  के  विभिन्न  पहलुओं  पर  भी  जरूर  गौर  करें ।                             भविष्य  के  बारे  में  ना  सोचना –  महिलाओं  का  ही  नहीं  हर  किसी  की  यह  सोच  रहती  है  कि  मरने  के  बाद  कुछ  साथ  नहीं  जाएगा  ,सिकंदर  को  भी  खाली  हाथ  ही  जाना  पड़ा  था  जैसी  दार्शनिक  बातें  कहने  सुनने  और  पढ़ने  में  तो  बहुत  अच्छी  लगती  हैं  लेकिन  जिंदगी  जीने  के  लिए  प्रैक्टिकल  होना  बेहद  जरूरी  है ।  https://www.palakwomensinformation.com/2020/09/bachat-se-budget.html                       जीवन  में  अपनी  चार  अहम  जिम्मेदारियों  को  समझें  और  उनका  उचित  इंतजाम  करें –                * स्वयं  का  घर – परिवार ।                                       * बच्चों  की  शिक्षा ।                                              * बच्चों  की  शादी ।                                                * स्वयं  की  सेवानिवृत्ति ।                                   जब  अपने  जीवन  में  इन  चार  बातों  के  लिए  प्लानिंग  करना  ही  है  तो  क्यों  ना  इन  सब  को  अपने  जीवन  का  लक्ष्य  बनाकर  उसमें  ठीक  ढंग  से  प्लानिंग  की  जाए ।

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