मातृत्व – एक सुखद एहसास

 मातृत्व  एक  आशीर्वाद  है  जो  प्यारा  और  कीमती  होता  है  भौतिकवाद  की  दुनिया  में  यह  उन  रिश्तो  में  से  एक  है  जो  अमूल्य  है ।                                                                                                  मां  बनना  और  बच्चों  की  देखभाल  करना  आसान  नहीं  है  यह  प्यार  और  सम्मान  की  बात  है  और  यह  एक  बड़ी  जिम्मेदारी  है  बच्चों  को  कैसे  समझा  जाए  और  कैसे  समझाया  जाए  ताकि  बच्चे  अपने  जीवन  में  एक  अच्छे  इंसान  के  रूप  में  विकसित  हो  यह  हमेशा  एक  चुनौती  के  रूप  में  सामने  खड़ा  होता  है  साथ  ही  जब  महिला  नौकरी  पेशा  हो तब  ऐसे  समय  में  उसके  लिए  यह  काम  और  भी  मुश्किल  हो  जाता  है  काम  और  पारिवारिक  मोर्चे  पर  एक  साथ  सामंजस्य  बिठाते  हुए  प्रबंधन  करना  आसान  नहीं  होता  है ।                                              अपने  बच्चों  के  साथ  समय  बिताने  से  जो  सकारात्मक  ऊर्जा  खुशी  व  ताकत  मिलती  है |  हर  मां  को  चाहे  वह  घरेलू  हो  या  कामकाजी  कुछ  प्रमुख  बिंदुओं  पर  ध्यान  देना  जरूरी  होता  है                   आप  दोस्त  हैं  या  हिटलर – सबसे  बड़ा  सवाल  तो  यह  है  कि  आप  कैसी  मां  है  यानी  बच्चे  की  दोस्त  है  या  हिटलर |  बच्चों  को  किसी  अच्छे  या  बुरी  बात  के  बारे  में  कुछ  पता  नहीं  होता  बच्चे  की  मनोदशा  को  मां  से  अच्छा  कौन  समझ  सकता  है  माँ  ही  एक  बच्चे  की  पहली  गुरु  है  एक   माँ  ही  अपनी  संतान  को  खुश  रख  सकती  है  और  जितना  वह   सिखा  सकती  है  दूसरा  कोई  नहीं ।                                            यकीन  किस  पर  करें – आज  के  समय में  मां  के  सामने  सबसे  बड़ी  परेशानी  यह  है  कि  वह  बच्चे  को  कहां  पर  सुरक्षित  माने  आज  मासूम  बच्चे  ना  घर  में  सुरक्षित  है  ना  बाहर  इसलिए  माँ  ही गुड – टच ,  बैड – टच  की  शिक्षा  दे  सकती  है  ताकि  इन  मासूमों  को  भी  पता  चले  कि  उनके  साथ  जो  हो  रहा  है  वह  अच्छा  है  या  बुरा ।                                          आज  समझ  पाना  मुश्किल  होता  है  कि  कौन  विश्वास  के  काबिल  है  और  कौन  नहीं  ऐसे  में  जब  एक  मां  अपने  बच्चे  की  बेस्ट  फ्रेंड  बनती  है  तब  बच्चा  अपने  को  सबसे  ज्यादा  सुरक्षित  महसूस  करता  है  चाहे  आप  कितनी  भी  व्यस्त  क्यों  ना  हो  कुछ  वक्त  बच्चे  के  साथ  बिताना  बहुत  जरूरी  है ।                               निवेश  करें –  यहां  निवेश करने  का  मतलब  रुपया  या  फाइनेंस  नहीं  है  जब  आपका  बच्चा  सफल  होता  है  तब  आपके  लिए  दुनिया का  सबसे  बड़ा  सुख  होता  है  लेकिन  यदि  वह  लड़का  लड़खड़ा   जाए  तो  उसे  इस    स्थिति  में  देखना  मां- बाप  के  लिए  सबसे  अधिक  पीड़ादायक  है  इसलिए  महत्वपूर्ण  बात  यह  है  कि  बच्चों  पर  प्यार  निवेश  करें  इस  निवेश  से  निश्चित  तौर  पर  फर्क  पड़ता  है  हालांकि  आप  तुरंत  इसका  फल  नहीं  देख  सकती  आपको  यह  निवेश  बराबर  करते  रहना  पड़ेगा  और  निश्चित  रूप  से  आपको  फर्क  दिखेगा  और  आपका  बच्चा  दुनिया  का  बेहतरीन  बच्चा  साबित  होगा ।                                            बच्चों  की  सोच  को समझें – आप  इस  बात  को  समझे  कि  आपके  बच्चे  की  सोच  आप  से  अलग  हो  सकती  है  इस  बात  पर  उग्र  होने  की  कोई  आवश्यकता  नहीं  है  कि  उसकी  सोच  आप  से  अलग  है  पहले  से  ही  आपका  उसके  जीवन  पर  एक  बड़ा  प्रभाव  पड़ता  है  यह  आपने  ही  तय  किया  है  कि  वह  कौन  से  स्कूल  में  जाए  रात  में  क्या  खाएं  क्या  ना  खाएं  इसलिए  जब  बच्चे  समझदार  हो  जाए  तो  उनकी  बात  सुनने  और  उसे  समझने  की  कोशिश  करें  और  उसकी  सोच  को  सही  मार्गदर्शन  दें  |  सही  गलत  का  फर्क  समझाएं  मार्गदर्शक  बने  मार्ग  अवरोधक  नहीं ।                                                           बच्चे  को  सपोर्ट  करें – अपने  बच्चों  के  सपनों  का  समर्थन  करें  उन्हें  प्रोत्साहन  दें और  ऐसा  करने  का  अवसर  प्रदान  करें  जिससे  वे  अपने  सपनों  को  साकार  कर  सकें  कहीं  ऐसा  तो  नहीं  कि  आप  बच्चों  की  सुनते  ही  ना  हो  या  बच्चों  को  सपोर्ट  ना  मिलती  हो ।                                                                                 छुट्टियां  भी  जरूरी – बच्चों  और  परिवार  के  लिए  जरूरी  है  कि  आप  साथ  समय  बिताएं  इससे  तनाव  कम  होता  है  इसलिए  काम  के बीच  बीच  में  छुट्टियां  लेंगी  तो  बच्चे  अकेलापन  महसूस  नहीं  करेंगे ।

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5 Comments

  1. प्रतिभा तुमने बहुत अच्छा विषय उठाया 👌हम सब के लिए उपयोगी लेख

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