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बच्चों के लिए सुविधा नहीं सपोर्टिव माहौल जरूरी

बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं परंतु कई बार परवरिश में कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जो बच्चों के मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकती हैं यह ना केवल बच्चों के मन को प्रभावित करती हैं बल्कि उनकी फिजिकल फिटनेस को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं ; बच्चों के शौक को पूरा करना उनकी जरूरत का ध्यान रखना जितना जरूरी है उससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि आप अपने बच्चों को मानसिक मजबूती प्रदान करें , कई परिवारों में बच्चों की छोटी- छोटी सफलताओं को नजर अंदाज कर दिया जाता है माता- पिता के लिए वह छोटी सफलता होती है , वही बच्चों के लिए बड़ी बात होती है ऐसे में जब उनको प्रोत्साहन नहीं मिलता तो उनका विश्वास थोड़ा कम होता है उनके मन को तराशने के लिए जरूरी है कि उनको समझा जाए बच्चे को सिर्फ सुविधा ही नहीं बल्कि सपोर्टिव माहौल भी देना जरूरी है उसको बाहर खेलने और शारीरिक व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करें उसकी मानसिक सेहत के बारे में बात करें लेकिन उनके सामने वैवाहिक समस्याओं, गंभीर बीमारी या रुपए पैसे संबंधी दिक्कतों की बात ना करें ऐसी बातों से उनको चिंता हो सकती है उनके लिए रोल मॉडल बने , वह सारी चीजें करे जो आपको पसंद है ताकि वह भी आप से यह सब सीख सके, बच्चे वही सीखते हैं जो वे देखते हैं इसलिए जरूरी है कि मानसिक शांति के लिए कुछ नियम आप खुद भी बनाए , आप खुद रोजाना प्राणायाम , मेडिटेशन और योग की आदत को जीवन में शामिल करें इससे बच्चा भी इन आदतों को अपनाएगा । आजकल मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल बच्चों के लिए आम है ऐसे में जरूरी है कि उनकी स्क्रीन टाइमिंग और कंटेंट पर नजर रखी जाए। आजकल बस या स्कूल में बच्चों को कई तरह की परेशानी होती है कई बार बच्चों को कोई चिढ़ा देता है तो वे एकदम उदास हो जाते हैं कई बार स्कूल और ट्यूशन जाने से कतराते है ऐसी परिस्थितियों में जरूरी है कि उनकी मनोदशा को जाना जाए और उनको सपोर्ट किया जाए । माता- पिता द्वारा हमेशा रोक -टोक और अंकुश लगाना भी आम बात है लेकिन अंकुश कितना और कब लगाना सही है यह भी सोचना जरूरी होता है कुछ माता- पिता बच्चों को लेकर इतने सख्त होते हैं कि उनकी हर बात को मना कर देते हैं इसके अलावा कुछ सीखने से भी कतराने लगते हैं । इसलिए जरूरी है कि पहले बच्चे की बात सुने ।

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