कुछ प्रश्न अपने आप से जरूर करें

सारा  विज्ञान  ही  प्रश्नों  पर  आधारित  है  क्योंकि  जिस  प्रश्न का  उत्तर  मिल  जाता  है  उस  प्रश्न  का  अस्तित्व  ही  समाप्त  हो  जाता  है , यदि  जीवन  से  भी  प्रश्न  समाप्त  हो  जाए  तो  जीवन  में  रोमांच  ही  समाप्त  हो  जाएगा ।                                                                               यदि  बच्चे  इंद्रधनुष  देखकर  ,रेलगाड़ी  को  देखकर,  झूले  को  देखकर  कोई  भी  प्रश्न  ना  करें  तो  बचपन  गायब  हो  जाएगा , यदि  पत्नी  पति  से  ना  पूछे  कि  कहां  जा  रहे , कब  आओगे , खाने  में  क्या  बनाऊं , तो  पति  होने  का  एहसास  ही  नहीं  होगा  , शिष्य  गुरु  से  प्रश्न  ना  करें , पुलिस  अपराधी  से  प्रश्न  ना  करें  तो  दुनिया  की  हलचल  ही  बंद  हो  जाएगी  यह  दुनिया  नीरस , उबाऊ  और  बेस्वाद  हो  जाएगी | इसी  प्रकार  यदि  आप  स्वयं  से  प्रश्न  करना  बंद  कर  देंगे  तो  आप  के  अस्तित्व  पर  प्रश्नचिन्ह  लग  जाएगा  आपके  जीवन  में  विकास  पर  भी  प्रश्न  चिन्ह  लग  जाएगा  आपके  सीखने  सिखाने  पर  भी  प्रश्नचिन्ह लग  जाएगा ।                                                                                                          हम  अपने  आप  से  जितने  प्रश्न  करते  हैं  उससे  पता  लगता  है  कि  हमारे  अंदर  कुछ  पाने  की  भूख  कितनी  है  जब  हम  अपने  आप  से  प्रश्न  करते  हैं  तो  ही  हम  अपने  बारे  में  जान  पाते  हैं  जैसे –     * हमारे  अंदर  कौन – कौन  से  गुण  हैं  और  कौन – कौन  सी  कमियां  हैं।                                                                                      * हम  जीवन  में  क्या  पाना  चाहते  हैं।                                       * हमें  जीवन  में  किन  बीते  हुए  हिस्सों  से  सीखने  की  जरूरत  है।                                                                                                  ऐसे  हजारों  प्रश्न  है  जिनके  उत्तर  आपके  जीवन  की  रूपरेखा  निर्धारित  करते  हैं  लेकिन  आप  खुद  से  प्रश्न  करना  बंद  करेंगे  तो  क्या  होगा , आप  सच्चाई  से  प्रतिरोध  करेंगे  तो  क्या  होगा , अगर  आप  उत्तरों  से  घबराने  लगेंगे  तो  क्या  होगा ? लोग  कहते  हैं  उत्तरों  में  ताकत होती  है  लेकिन  मुझे  लगता  है  कि  प्रश्नों  में  उत्तरों  से  ज्यादा  ताकत  होती  है , यह  कुछ  प्रश्न  अपने  आप  से  जरूर  करें –    * किन  कारणों  से  मैं  सफल  नहीं  हो  पा  रहा /  रही  हूं ।                              * आज  से  10  साल  बाद  मेरी  जिंदगी  कैसी  होगी ।                                            * आज  से  10  साल  बाद  मुझे  कैसी  जिंदगी  चाहिए।                                                                       याद  करने  की  कोशिश  कीजिए  कि  पिछली  बार  कब  आपने  एकांत  में  बैठकर  स्वयं  से  कुछ  प्रश्न  पूछे  और  अंतरात्मा  से  उसका  ईमानदार  उत्तर  दिया | दुनिया  में  बहुत  कम  ऐसे  लोग  होते  हैं  जो  स्वयं  से  प्रश्न  करते  हैं  सच  कहूं  तो  हम  खुद  से  प्रश्न  करना  लगभग  भूल  गए  हैं  उसकी  जगह  हम  दूसरों  से  प्रश्न  करने  में  लगे  हैं  और  अपनी  नाकामियों  का  दोष  दूसरों  पर  मढ़ते  रहते  हैं।                                                                                  खुद  से  प्रश्न  करना  कठिन  होता  है  क्योंकि  हमारा  मन  सारे  प्रश्नों  के  सही  उत्तर  जानता  है  यदि  आपके  जीवन  मूल्य  स्पष्ट  है  और  आप  उन  मूल्यों  पर  आधारित  जीवन  जी  रहे  हैं  तो  आपको  स्वयं  से  प्रश्न  पूछने  में  कोई  दिक्कत  नहीं  होगी  लेकिन  यदि  आपके  जीवन  मूल्य  स्पष्ट  नहीं  है , लक्ष्य  स्पष्ट  नहीं  है , कार्य  योजना  स्पष्ट  नहीं  है  तो  आपको  स्वयं  से  प्रश्न  करने  में  बहुत  ज्यादा  दिक्कत  होगी । हर  दिन  हमें  अपने  आपसे  प्रश्न  पूछना  चाहिए  कुछ  ऐसे  प्रश्न  पूछिए  जो  आपके  कानों  में  मिश्री  घोलते  हो  और  कुछ  प्रश्न  ऐसे  भी  करें  जो  आपके  कानों  में  शीशा  उड़ेल  देते  हो ।                                                       जिंदगी  के  सारे  उत्तर  आपके  भीतर  से  ही  पैदा  होंगे  कुछ  प्रश्न  जो  आपकी  जिंदगी  बदल  सकते  हैं –  * मेरे  जीने  का  प्रमुख  उद्देश्य  क्या  है  दुनिया  से  जाने  के  बाद  मुझे  किस  रूप  में  याद  किया  जाना  चाहिए ।                                                                                                   * क्या  मैं  अपनी  सभी  जिम्मेदारियां  अच्छे  से  पूरी  कर  पा  रहा  हूं / रही  हूं।                         * क्या  मैं  अपनी  सभी  रिश्ते जिम्मेदारी  से  निभा  पा  रहा  हूं / रही  हूं।                                       * मेरे  भीतर कौन  सी  प्रतिभा  है  जो  मुझे  भीड़  से  अलग  पहचान  दिला  सकती  है।                   * किस  काम  को  करते  हुए  मुझे  सर्वाधिक  खुशी  होती  है।                                                  जेम्स  थरबर  का  कहना  है  कि सभी  उत्तर  जानने  से  कुछ  प्रश्न  जानना  ज्यादा  अच्छा  है “ । 

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