कमजोर होती गृहस्थी की नींव
आज बदलते समय में कुछ विशेष कारणों को छोड़कर माता- पिता द्वारा बेटियों और बेटों की परवरिश पर ही विवाह के सफल या असफल होने की जिम्मेदारी होती है । आज हर दिन किसी न किसी का घर खराब हो रहा है व गृहस्थी की नींव कमजोर हो रही है । पहले भी परिवार होता था वह भी बड़ा , लेकिन वर्षो उनकी आपस में निभती थी , प्रेम था , और रिश्तो की मर्यादित जवाबदेही भी होती थी। पहले माता -पिता यह कहते थे कि मेरी बेटी गृह कार्य में दक्ष है , और आज कहते हैं कि मेरी बेटी नाजो से पली है , आज तक हमने उससे तिनका भी नहीं उठवाया है तो फिर वह क्या करेगी शादी के बाद यह सोचने वाली बात है ! शिक्षा के घमंड में बेटी को आदर भाव , अच्छी बातें ,घर के कामकाज सिखाना , परिवार चलाने के संस्कार नहीं देते हैं। माताए खुद की रसोई से ज्यादा बेटी की रसोई में क्या पक रहा है , इस पर ध्यान देती हैं इस काम पूरा साथ के लिए मोबाइल तो है ही । मां बाप बेटी को शिक्षा तो बहुत दे रहे लेकिन उस शिक्षा के पीछे की सोच क्या है यह बहुत महत्वपूर्ण है, उनकी यह सोच नहीं है कि परिवार को शिक्षित करें बल्कि दिमाग में यह है कि कहीं तलाक वगैरह हो जाए तो अपने पांव पर खड़ी हो जाए , खुद कमा खा ले । जब ऐसी अनिष्ट सोच और आशंका पहले ही दिमाग में है तो रिजल्ट तो वही सामने आना ही है ।
साइंस कहता है कि गर्भवती महिला अगर कमरे में सुंदर शिशु की तस्वीर लगाए तो , सुन्दर शिशु व हृष्ट पुष्ट होगा , मतलब हमारी सोच का रिश्ता भविष्य से है बस यही सोच कि अकेले भी जिंदगी जी लेगी यह गलत है , संतान सभी को प्रिय होते हैं परंतु ऐसे लाड प्यार में हम उसका जीवन खराब कर रहे हैं । पुराने समय में स्त्री तो छोड़िए पुरुष भी थाने ,कोर्ट ,कचहरी से घबराते थे और शर्म भी करते थे , लेकिन आजकल तो यह फैशन हो गया है । पढ़े -लिखे युवक युवतियां तलाकनामा तो जेब में लेकर घूमते हैं । पहले समाज के 4 लोगों की राय मानी जाती थी पर अब तो समाज की कौन कहे ,ये तो मां बाप तक को जूते की नोक पर रखते हैं । सबसे खतरनाक है जुबान ,कहा जाता है कि गोली से बड़ा घाव बोली का होता है , और भाषा , जिस पर अब कोई नियंत्रण नहीं रखना चाहता । कभी -कभी ना चाहते हुए भी चुप रह कर घर को बिगड़ने से बचाया जा सकता है ,लेकिन आज चुप रहना कमजोरी समझा जाता है आखिर आज शिक्षित जो हैं ! और हम किसी से कम नहीं वाली सोच जो विरासत में मिली है ,कोई कुछ बोला तो क्यों बोला , बस यही सब वजह है जिससे आजकल की गृहस्थी की नींव कमजोर पड़ती जा रही है । गृहस्थी की नींव को कमजोर करने वाले तत्वों के मूल जड़ व कुछ कारण है जो निम्न है – * मायके वालों की अनावश्यक दखल अंदाजी । * संस्कार विहीन शिक्षा । * आपसी तालमेल का अभाव । * जुबान पर नियंत्रण ना होना । * सहनशक्ति की कमी । * आधुनिकता का आडंबर । * अपनों से अधिक गैरों की राय । * परिवार से कटना । * समाज का भय ना होना । * घंटो मोबाइल से चिपके रहना । * घमंड झूठे ज्ञान का । * घर गृहस्थी की तरफ ध्यान ना देना ।
शादी के बाद अगर आप बेटी को खुश देखना चाहती हैं तो पहले से ही इन चीजों को उसके व्यक्तित्व का हिस्सा बनाएं ।
Very nice