उपहार का मनोविज्ञान
उपहार , तोहफा , गिफ्ट यह शब्द जुबान पर आते ही एक अलग तरह की खुशी मिलती है |…
उपहार , तोहफा , गिफ्ट यह शब्द जुबान पर आते ही एक अलग तरह की खुशी मिलती है |…
क्या आप छोटी-छोटी बातों से भी उदास हो जाती हैं छोटी सी बात पर भी आपको बहुत गुस्सा आता है और आप रोने लग जाती हैं तो इसका मतलब यह है कि आप भावनात्मक रूप से फिट नहीं है। हंसना रोना जिंदगी का एक हिस्सा है लेकिन छोटी -छोटी बातों पर रूठ जाना और रोने …
ग्रामीण समाज एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था वाली मनोवृति पर आधारित है जो कि यह मानकर चलता है कि महिलाएं दोयम दर्जे की नागरिक हैं। भारत की 70% आबादी गांवों में रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं बड़े पैमाने पर एनीमिया , कुपोषण आदि से ग्रसित रहती हैं । ग्रामीण महिलाओं की संपत्ति स्वास्थ्य शिक्षा आदि …
हम सब का जीवन कहानियों सरीखा होता है। हर कहानियों में रंग कभी फीके कभी गाढ़े कभी उदासी व उत्साह के रंग। कभी खुशी , निराशा , कुंठा। बस फर्क यह है कि कुछ लोग जिंदगी में आई मुश्किलों से टूट जाते हैं उस से हार जाते हैं और कुछ इसे चुनौती मानते हुए दिक्कतों …
मौजूदा समय में नौकरियों पर संकट छाया हुआ है लेकिन खर्चों में कोई कमी नहीं हुई है। इन दिनों डिजिटल माध्यम ने बहुत सहारा दिया है। मोबाइल जैसे अद्भुत माध्यम से घर बैठे देश विदेश के सभी परिजनों , मित्रों से संवाद हो रहा है। बाहर जाकर काम करना मुश्किल है तो ऐसे में अगर …
हमारे आस – पास हज़ारों तरह के रिश्ते बुने होते हैं | घर में माता-पिता , भाई – बहन जैसे अनमोल रिश्ते तो बाहर की दुनिया में दोस्तों व सखी सहेलियों के रूप में और विवाह के बाद किसी रिश्ते की भाभी , मामी , चाची और बहू के रूप में | रिश्ते को मजबूत …
वर्षों से शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव न होने से समाज में जिज्ञासा व कल्पना के मूल्यों को बढ़ावा मिलने के जगह भेड़चाल को बढ़ावा मिलने लगा था | युवाओं में डॉक्टर , इंजीनियर , तो कभी वकील बनने की होड़ लगी थी | रूचि , योग्यता व मांग की जरूरत समझे बिना …
महिला सशक्तिकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएं शक्तिशाली बनती हैं | जिससे वह अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती हैं और परिवार तथा समाज में अच्छे से रह सकती हैं | समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना …
आज इस वैश्विक महामारी के दौर में हर तरफ भय व्याप्त है | कोरोना काल में आस-पास के लोगो को देखकर मन भयभीत हो जाता है लोग कहते है कि प्रकृति बदला ले रही है परन्तु मैं उसमे एक बात और जोड़ना चाहती हूँ कि हमारा स्वार्थी स्वाभाव , एकछ्त्र सत्ता की चाह…
महिला समाज का दर्पण होती है यदि किसी समाज की स्थिति को देखना है तो वहां की नारी की अवस्था को देखना होगा | राष्ट्र की प्रतिष्ठा , गरिमा , उसकी समृद्धि पर नहीं वरन उस राष्ट्र के सुसंस्कृत व चरित्रवान नागरिको से है और राष्ट्र को , समाज को ये संस्कार देती है एक …