परवरिश – ख्वाहिशों का बचपन पर बोझ
आपका बच्चा प्रतिभाशाली व होनहार है आप उसकी परवरिश में उसे तराशने पर ध्यान दें ,पड़ोस के किसी बच्चे को देखकर अपनी आकांक्षाओं का बोझ उस पर ना डालें । …
आपका बच्चा प्रतिभाशाली व होनहार है आप उसकी परवरिश में उसे तराशने पर ध्यान दें ,पड़ोस के किसी बच्चे को देखकर अपनी आकांक्षाओं का बोझ उस पर ना डालें । …
बच्चों की परवरिश में जुटे सभी माता- पिता यह चाहते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट और तेज दिमाग वाला बने ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाए , इसके लिए अभिभावक उनके खाने पीने से लेकर अच्छा स्कूल खोजते हैं और अच्छा माहौल देने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन बच्चों के स्मार्ट …
बचपन जिंदगी का वह सबसे सुनहरा पन्ना है जिसे इंसान सारी उम्र नहीं भूलता और वापस उसी बचपन को जीना चाहता है ,उन खुशियों और बेफिक्रियों में लौटना चाहता है । परंतु जब हम बचपन को सोचते हैं तो , “परवरिश ” उसमें प्यार और अनुशासन में जो संतुलन माता-पिता ने रखा होता है उसका …
आज के दौर में बच्चों के हाथों में मोबाइल फोन बहुत कम उम्र में आ जाता है और बाद में वह हर समय मोबाइल में ही लगे रहते हैं, उन्हें खाने -पीने और सोने तक का होश नहीं रहता , बच्चा आने किसी काम में ध्यान नहीं लगाता इससे उसका मानसिक विकास बाधित हो जाता …
बच्चों की परवरिश को लेकर लगभग सभी इस दौर से गुजरते हैं और सभी यह सोचते हैं की परवरिश की सामग्री क्या हो , जिससे उनका बच्चा अपने लिए , अपने माता- पिता के लिए , रिश्तेदार ,समाज और सबसे अधिक स्कूल के लिए एक आदर्श बच्चा बने , सब उसको प्यार करें , सब…
बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं परंतु कई बार परवरिश में कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जो बच्चों के मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकती हैं यह ना केवल बच्चों के मन को प्रभावित करती हैं बल्कि उनकी फिजिकल फिटनेस को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं ; बच्चों के शौक को पूरा करना…
बच्चों की कुछ आदतें पेरेंट्स के लिए परेशानी का सबब बनती हैं कुछ छोटी – छोटी बातों को ध्यान में रखकर बच्चे में पॉजिटिव बदलाव लाया जा सकता है । …
हर बच्चा अलग और अपने आप में खास होता है , बच्चों पर जोर जबरदस्ती कुछ भी थोपना नहीं चाहिए | अगर माएँ अपने बच्चों के लिए कोई खास मेहनत नहीं करती हैं तो बच्चों से भी किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए । लेकिन …
अच्छी किताबों से मानसिक और वैचारिक विकास होता है और बच्चे बड़े होकर संपूर्ण शख्सियत के मालिक बनते हैं । रीडिंग एक्सपोर्ट , जिम टेलर्स कहते हैं कि 4 माह का बच्चा पेंन पकड़ने लगता है , रंग बिरंगी वस्तुओं पर उसकी नजरें टिकने लगती है । आप थोड़ी देर ही सही उसके सामने किताबों …
आपके बच्चे का आचरण और व्यक्तित्व आपकी पेरेंटिंग की कुशलता पर निर्भर है । अच्छी परवरिश वह है जिसमें सहानुभूति ईमानदारी , आत्मविश्वास , आत्मनियंत्रण , दयालुता , सहयोग , मानवता आदि गुण विकसित हो , ऐसी परवरिश बच्चे को एंजायटी , डिप्रेशन , ईटिंग डिसऑर्डर और सामाजिक व्यवहार और नशे आदि का शिकार होने …