स्वस्थ परिवार – सुखी जीवन का आधार

स्वस्थ  परिवार  सुखी  जीवन  का  आधार  है  यह  बात  बिल्कुल  सत्य  है  क्योंकि  घर  के  सभी  सदस्य  सेहतमंद  होंगे  तभी  जिंदगी  की  गाड़ी  ठीक  से  चलेगी ।                                                                  आधुनिक  जीवन  शैली  की  तेज  रफ्तार  एवं  भागदौड़  भरी  जिंदगी  के  कारण  युवावस्था  में  ही  ब्लड  प्रेशर , डायबिटीज  ,हृदय रोग , कोलेस्ट्रोल , मोटापा , गठिया , थायराइड  जैसे  रोग  होने  लगे  हैं ।                                                                            इसकी  सबसे  बड़ी  वजह  है  अनुपयुक्त  खान- पान  और अनियमित  रहन- सहन , यदि  हम  अपने  स्वास्थ्य  के  प्रति  सचेत  हो  जाएं  तो  खुद  स्वस्थ  रह  सकते  है  और  परिवार  को  भी  स्वस्थ  रखते  हुए  लोगों  को  अच्छे  स्वास्थ्य  के  लिए  जागरूक  कर  सकते  हैं  ताकि  एक  स्वस्थ  एवं  मजबूत  समाज  और  देश  का  निर्माण  हो।                                                क्योंकि  कहा  जाता  है  कि  पहला  सुख  है  निरोगी  काया , तथा  शरीर  से  बड़ा  कोई  धन  नहीं  इसलिए  शरीर  का  स्वस्थ  रहना  बहुत  आवश्यक  है  क्योंकि  स्वस्थ  शरीर  में  ही  स्वस्थ  मन  का  निवास  होता  है  और  स्वस्थ  मन  से  ही  हम  कोई  काम  सही  रूप  से  कर  सकते  हैं।                                                               आज  के  समय  में  लोगों  को  अपने  स्वास्थ्य  रूपी  धन  से  ज्यादा  पैसा  प्यारा  हो  गया  है  लोग  यह  भूल  गए  हैं  कि  जिस  धन  के  पीछे  वह  भाग  रहे  उसके  लिए  शरीर  का  स्वस्थ  रहना  बहुत  जरूरी  है , स्वस्थ  जीवन  जीने  के  लिए  जरूरी  है  कि  कुछ  महत्वपूर्ण  बातों  का  ध्यान  रखा  जाए – गृहलक्ष्मी  पहले  खुद  को  फिट  रखें –                   * कामकाजी  महिलाओं  पर  घर  और  बाहर  दोनों  की जिम्मेदारी  होती  है  इसलिए  उन्हें  अपने  खान -पान  पर विशेष  ध्यान  देना  चाहिए ।                       * महिलाओं  को  हर  रोज  सुबह  ब्रेकफास्ट  जरूर  लेना  चाहिए  क्योंकि  इससे  शरीर  को  जरूरी  उर्जा  और  पोषक  तत्वों  की  प्राप्ति  होती  है ।                    * चुस्त – दुरुस्त  रहने  के  लिए  पौस्टिक  आहार  लेना  चाहिए  अपने  दिन  के  खाने  में  दाल , दही , सब्जी  और  रोटी  खाएं ।                                         * व्यायाम  नियमित  रूप  से  करें , योगा , प्राणायाम  को  भी  अपनी  दिनचर्या  में  शामिल  करें ।                    बच्चों  को  बनाएं  फिट  – बच्चों  की  शारीरिक  शिक्षा  पर  ध्यान  दें , खाने  पीने  पर  ध्यान  दें , बच्चों  की  डाइट  तय  करें , वीडियो  गेम  और  इंटरनेट  का  समय  तय  करें  और  आउटडोर  गेम्स  पर  ज्यादा  ध्यान  दें ।                                                               बुजुर्गों  की  सेहत  रहे  दुरुस्त – बुजुर्गों  को  चिकने  पदार्थों  का  उपयोग  कम  करना  चाहिए  क्योंकि  वृद्धावस्था  में  कोलेस्ट्रॉल  की  मात्रा  बढ़ने  लगती  है  जिससे  रक्त  धमनियों  के  रोग  व   देह  गति  अवरुद्ध  हो  सकती  है , वृद्धावस्था  में  विटामिन  की  कमी  देखी  जाती  है  इसलिए  आहार  में  विटामिन  प्रचुर  मात्रा  में  शामिल  करें  इसके  अलावा  व्यायाम  और  योग   दिनचर्या  में  शामिल  करें  इससे  न  सिर्फ  शारीरिक  बीमारियां  दूर  रहेंगी  बल्कि  अकेलापन  और  अवसाद  भी  कम  होगा  डॉक्टरों  की  मानें  तो  60  से  ज्यादा  उम्र  के  लोगों  को  रोजाना  30  मिनट  आराम  की  सलाह  दी  जाती  है  इसमें  टहलना , जॉगिंग , योग , कसरत  भी  शामिल  है।                                                             इस  तरह  महिलाएं  अपने  साथ – साथ  अपने  परिवार  के  सेहत  का  ध्यान  रखकर  एक  खुशहाल  और  स्वस्थ  परिवार  पा  सकती  हैं ।

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