आयुर्वेद है अनमोल – सेहत का खजाना
आयुर्वेद दैनिक जीवन में छोटे- छोटे प्रयोग द्वारा स्वास्थ्य के ताने- बाने से बनता है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त आयुर्वेद की औषधीय महत्व की जड़ी बूटियां हमारे आसपास पेड़ पौधों और किचन गार्डन में उपलब्ध है जो हमारी छोटी मोटी समस्या को दूर करने में सक्षम है ।
आयुर्वेद में इंगित छोटी- छोटी बातें हमें आगाह करती है कि किस प्रकार शरीर के रक्षात्मक कवच का सुदृढ होना जरूरी है , पिछले एक दशक में लाइफस्टाइल डिसऑर्डर 40 के अवस्था का पर्याय बन चुका है इसमें डायबिटीज , हाइपरटेंशन ,कैंसर , अर्थराइटिस, हार्मोनल असंतुलन , मोटापा जैसे रोगों की बढ़ोतरी की है । डायबिटीज , हृदय रोग, हाइपरटेंशन जैसे समस्याओं में डाइट चार्ट, नियमित वर्क और एक्सरसाइज पर जोड़ दिया जाता है जो कि आयुर्वेद में दिनचर्या और ऋतुचार्य के अनुसार आहार विहार है ।
हल्दी’ = हल्दी प्राचीन काल से हमारे आहार विहार का हिस्सा रही है , आज उसका महत्व नैनोपार्टिकल फॉर्म में कैंसर जैसे जटिल रोग के लिए साइंटिफिकली सिद्ध हुआ है , एंटीसेप्टिक और एंटी इन्फ्लेमेटरी होने के कारण यह सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग होने वाली विशिष्ट अवयव है जो महिलाओं को सौंदर्य समस्याओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
आयुर्वेद दैनिक जीवन में छोटे- छोटे प्रयोग द्वारा स्वास्थ्य के ताने- बाने से बनता है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त आयुर्वेद की औषधीय महत्व की जड़ी बूटियां हमारे आसपास पेड़ पौधों और किचन गार्डन में उपलब्ध है जो हमारी छोटी मोटी समस्या को दूर करने में सक्षम है ।

