मौसमी भावनात्मक विकार

 मौसम  बदलते  हैं  और  आपके  मूड  का  रंग  भी  ।  सर्दी  के  मौसम  में  तो  आपका  मिजाज  कुछ  बदला बदला  सा  रहता  है ,  मौसम  के  बदलाव  के  साथ  मूड का  बदलना  आपके  हाथ  में  नहीं  होता  ।                                  मूड  हर  किसी  का  बदलता  है   , इसे  मौसमी भावनात्मक  विकार  कहा  जा  सकता  है  लेकिन  अगर  हर  मौसम  का  भरपूर  आनंद  लेना  है , तो  अपने  बदले मूड  को  खुद  बदलने  का  प्रयास  करें  ।                                                                                ठंडक  के  मौसम में  खाने  से  लेकर  मुंह  तक  में  काफी  बदलाव  आता  है। ठंड  का  मौसम  ही  कुछ  ऐसा  होता  है  जिसमें  अलग  से आलस्य हो  जाता  है , जहां  न  तो  बाहर  जाने  का  मन  होता  है और  ना  ही  किसी  काम  को  करने  मे   मन  लगता  है  जाहिर  सी  बात  है  आप  इस  मौसम  में  खुद  का  मिजाज  कुछ  बदला -बदला  महसूस  करती  होंगी  कभी आपका  मूड  बहुत  खिला- खिला  होता  होगा , तो  कभी आप  भी   उदास  महसूस  रहती  होगी  ,  शायद अचानक  से  इस  बदलाव  का  कारण  आप  भी  ना  समझ  पा  रही  हो  यह  सब  बेवजह  नहीं  बल्कि  इसकी वजह  है  मौसमी  भावनात्मक  विकार । 

हर  दूसरी  महिला  इन  समस्याओं  से  ग्रसित  हो  सकती  हैं , सर्दियों  को  डिप्रेशन  बढ़ाने  वाला  मौसम  भी  कहा  जाता  है ,  ठंड शुरू  होते  ही  आपका  मूड  डल  हो  जाता  है , अगर  आप  पहले  से  ही  तनावग्रस्त  रहते  हैं  तो  यह  समस्या और  भी  बढ़  जाती  है ,  इस  स्थिति  का  सामना  लगभग 10  से  20  फ़ीसदी  लोग  करते  हैं  लेकिन  महिलाओं  में यह  समस्या  अधिक  होती  है , इसे  सीजनल   अफेक्टिव  डिसऑर्डर   कहा   जाता  है  ,यह   डिसऑर्डर  आपके सेरोटोनिन  लेवल  जेनेटिक  आप  किस  जगह  रहते  हैं  और  मेलाटोनिन  लेवल  से  प्रभावित  होता  है  ।                                                                      हर  किसी  पर  बदलते  मौसम  का काफी  असर  पड़ता  है  यह  असर  तनाव  या  अवसाद  के रूप  में  दिमाग  में भर  भी  जाता  है  जो  हमारे  मुंह  से लेकर  भूख  ,एनर्जी  ,  पर  भी  काफी  गहरा  असर डालते  हैं  इसकी  वजह  शरीर  के  अंदर  सेरोटोनिन  नामक  हार्मोन   का  गिरना , कभी- कभी  तनाव  इतना ज्यादा  हो  जाता  है  आप  उदासी  की  ओर  चली  जाती  हैं  इससे  बचने  के  लिए  आप  परिवार  के  सदस्यों  के  बीच  बैठे  दोस्तों , सखियों   से  बात  करें , संगीत  सुनें ,  इससे  उदासी  तनाव  दोनों  कम  होंगे   ।   

                          

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