हुनर से बनाए जिंदगी की राह आसान
जिंदगी के एक पड़ाव पर आकर जैसे जिंदगी थम सी जाती है | बच्चे अपना करियर बनाने में रम जाते हैं और पति अपने व्यवसाय में | इस उम्र में आकर महिलाएं जिंदगी में सूनापन और खालीपन महसूस करने लगती हैं और कुछ तो रोजमर्रा के काम में बंध कर बोर होने लगती हैं । इस उम्र में शारीरिक तकलीफें भी उभरने लगती हैं और खालीपन उस तकलीफ को और भी बढ़ा देता है , जिससे वह अक्सर डिप्रेशन के साथ अन्य कई बीमारियों का शिकार हो जाती है , तो क्यों ना इस वक्त को कोई सही दिशा देकर जिंदगी के मायने बदले जाएं और इस खालीपन में हुनर से बनाए जिंदगी की राह आसान जो कई महिलाओं के लिए दिशानिर्देश साबित हो सके । 40 से 50 वर्ष की महिलाओं को अपनी जिंदगी की दूसरी पारी खेलने की जरूरत है , जो शौक बच्चों की परवरिश में कहीं खो गए थे या दब गए थे उन्हें बाहर निकालने का वक्त है | जो प्रौढ़ महिलाओं को अपनी जिंदगी के इस दौर में सहायक सिद्ध होते हैं | अपने आप को किसी शौक में बांधकर ये महिलाएं ना सिर्फ अतिरिक्त आय कर सकती हैं बल्कि अपनी एक अलग पहचान बना सकती हैं बस इसके लिए अपनी बीती जिंदगी पर एक नजर डालनी होगी और अपने शौकों में से खास शौक को चुनकर उस पर काम करना होगा । आज समय ऐसा है कि हुनर कोई भी हो अगर पूरी लगन और मेहनत से किया जाए तो नाम और दाम दोनों दिलाता है । चाहे फिर वह चित्रकारी हो , डांस हो , लेखन , कुकिंग , गार्डनिंग , कढ़ाई – बुनाई कुछ भी हो इनमें से कोई ना कोई हुनर और शौक तो सभी में होता ही है और आजकल तो ऑनलाइन का समय ही चल रहा है तो इससे संबंधित कार्यों में जिसमें आपको लगे कि आपके पास हुनर है या शौक है तो आप भी अपने आप को व्यस्त कर सकती हैं | ऑनलाइन स्वरोजगार पर अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं – https://www.palakwomensinformation.com/2020/08/naye-raste-aur-ummeden.html बच्चों और घर की जिम्मेदारियों में यह सब कहीं पीछे छूट जाता है इससे पहले कि यह आपकी जिंदगी से बाहर हो जाए इसे पलटकर मजबूती से पकड़ ले एक दिन यही शौक आपकी पहचान बन जाएगा और आप में एक आत्मविश्वास जगा जाएगा । एक ग्रहणी घर की आधारशिला होती है उसका गड़बड़ाना पूरे परिवार को हिला सकता है अगर उसका मानसिक व शारीरिक संतुलन सही नहीं है तो पूरा परिवार ही बिखर जाएगा । अगर हर इंसान अपने अंदर झांक कर देखें और अपनी जिंदगी के पन्ने पलटे तो पाएगा कि एक हुनर हर एक के अंदर छुपा होता है जैसे – लेखन | होश भी नहीं संभाला होता और हाथ में कलम थमा दी जाती है बचपन से ही हर इंसान पढ़ने लिखने में लग जाता है अगर महिलाएं अपनी इसी छिपी और दबी काबिलियत को बाहर निकाले तो काफी हद तक अपने अकेलेपन और डिप्रेशन से छुटकारा पा सकती हैं । आज लेखन कार्य का क्षेत्रफल काफी बड़ा हो गया है कहानी , व्यंग , कविता , गाने , शेरो – शायरी और न जाने क्या – क्या , जिसमे भी रूचि हो उसी तरफ कदम बढ़ाए जा सकते हैं । कागज , कलम , मैगजीन , अखबार , किताबों से निकलकर यह प्रतिभा कंप्यूटर के कीबोर्ड तक पहुंच गई है | कहानी लिखने का शौक है तो बहुत सारी वेबसाइट्स पर कहानी डालकर प्रतियोगिता का हिस्सा भी बन सकती हैं अगर कुछ हटकर लिखना चाहती हैं तो कंटेंट राइटर बन कर नेट पर लिखिए ना सिर्फ खाली वक्त का उपयोग होगा बल्कि आपका सामान्य ज्ञान के साथ अतिरिक्त आय का माध्यम भी बनेगा । फ्रीलांस भी किया जा सकता है यानी जब आप खाली हो तो अपने हिसाब से काम निपटा सकते हैं | यह विकल्प अतिरिक्त आय का स्रोत तो बनता ही है साथ ही महिलाओं की खाली समय का सच्चा साथी भी साबित होता है , जो ना सिर्फ महिलाओं को व्यस्त रखता है अपितु उन्हें अपने मनोभावों को पन्ने पर उड़ेल कर डिप्रेशन से छुटकारा भी दिलाता है । क्विकर और ओ एल एक्स जैसी साइट पर अपना रिज्यूम अपडेट कर दें और अपनी पसंद का कार्यक्षेत्र भी जोड़ दें और हो जाएं तैयार अपनी नई चुनौती को स्वीकार करने के लिए जो ना सिर्फ आप को व्यस्त रखेगी बल्कि प्रौढ़ महिलाओं को अपनी पहचान भी दिलाएगी | तो अब खाली वक्त में टीवी का रिमोट नहीं वरन पेन या लैपटॉप उठाइए और जिंदगी के इस पड़ाव पर अपनी अलग कहानी लिखिए , एक आत्मविश्वास से पूर्ण सच्चे मायने में सफल ग्रहणी की , जो ना सिर्फ घर संभालना जानती है अपितु खुद को भी बखूबी संभालना जानती है और भीड़ में अलग खड़े रहने का दम भी रखती है और अपने हुनर से जिंदगी की राह को आसान भी बना सकती है ।
Nice post 👍👍( from shilpi )
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Nice , Bilkul sahi baat👌
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Motivational
Bilkul shahi baat
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Inspirational for every woman i must say… U write so well di.. Likhte likhte aapki likhne ki taakat aur nikharti ja rahi h.. Well done👍👍
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