मजेदार ” फेमिनिन ” हैबिट्स पुरुषों के

 चाहे  बात  इमोशनल  होने  की  हो  या  डरने  की  मान  लिया  जाता  है  कि  ऐसा  तो  महिलाओं  के  साथ  ही होता  है |  कुछ  रियालिटी  इसके  ऑपोजिट  भी  है  ,पुरुषों  के  भी  कुछ  ऐसे  फनी  फैक्ट  होते  हैं  जिन्हें  अक्सर  वे  छुपा  लेते  हैं ।  मर्द  को  दर्द  नहीं  होता  या  फिर  पुरुष  रोते  नहीं  यह  कुछ  ऐसे  जुमले  हैं  जिन्हें  हम  अक्सर  कहते  सुनते  हैं  । फैक्ट  यह  है  कि  ऐसी  बहुत  सारी  बातें  हैं  जिन्हें  फेमिनिन  हैबिट  के साथ सीधे  महिलाओं  से  जोड़  दिया  जाता  है  जबकि  पुरुष  भी  इस  मामले  में  कम  नहीं  होते , यहां  तक  कि  कई  बार  तो  वे  इस  दिलचस्प  फैक्ट  में  महिलाओं  से  भी  बढ़- चढ़कर  आगे  होते  हैं।                                                                             छुपाते  हैं  अपने  डर  को –  चूहे , कॉकरोच , छिपकली  या  कुत्तों  से  डरने  को  महिलाओं  की  खास  निशानी  माना  जाता  है  अगर  रियल्टी  में  देखें  तो  ऐसे  पुरुषों  की  भी  कोई  कमी  नहीं  है  जो  किसी  चूहे  या  कॉकरोच  को  देखकर  किसी  टेबल  कुर्सी  पर  चढ़कर  हुस – हुस   करते  नजर आते  हैं | उन्हें  उस  कमरे  में  नींद  नहीं  आती  जहां  दीवार  पर  कोई  मोटी से  छिपकली  बैठी  हो  या  फिर  वह  किसी  के  घर  में  तब  तक  जाएंगे  नहीं   जब  तक  कि  यह  कंफर्म  ना  कर  ले  कि  उनके  घर  में  जो  सॉलिड  बॉडी  वाला  कुत्ता  बैठा  है  वह  काटता  नहीं  है ।
                               
  कुकिंग  और  घर  सजाने  का  शौक – किचन  को  महिलाओं  का  अधिकार  क्षेत्र  ही  समझा  जाता  रहा  है  पर क्या  आपने  ऐसे  पुरुषों  को  कभी  नहीं  देखा  है  जो  छुट्टी  वाले  दिन  गले  में  एप्रिन  टांगे  किसी  किताब  या नेट  से  पढ़ – पढ़  कर  कोई  नई  डिश  बनाने  का  हाथ  आजमा  रहे  होते  हैं । कई  पुरुष  घर  को  इतना व्यवस्थित  रखते  हैं  कि  अगर  आपने  गीला  तौलिया  धूप  में  सूखने  ना  डालकर  इधर  उधर  रख  दिया  है  तो यह  उनके  लिए  जीने  मरने  का  प्रश्न  बन  जाता  है ।                                                                                                                     फिल्म  देखते  हुए  डरना  या  इमोशनल  होना – यह  भी  एक  मजेदार  फैक्ट  है  कि  काफी  सारे  पुरुष  भी  हॉरर  फिल्में  देखते  हुए  खूब  डरते  हैं  हां  मगर  इतना  जरूर  है  कि  चाहे  चेहरे  पर  हवाइयां  उड़  रही  हूं  मगर  उस  फिल्म  को  देखेंगे  वह  पूरी , चाहे  बाद  में  अंधेरे  में  जाने  की  हिम्मत  ही  ना  पड़े  या  आसपास  अचानक  हुई  किसी  आवाज  से  उछल  पड़े , इसके  अलावा  किसी  इमोशनल  सीन  पर  भावुक  होकर  रोते  हुए  भी  उन्हें  आसानी  से  देखा  जा  सकता  है ।                                                                  भाता  है  चटपटा  तीखा  खाना – क्या  आपने  कभी  गौर  किया  है  कि  शादी  ब्याह  में  या  बाजार  में  अक्सर  गोलगप्पे  के  स्टाल  पर  ज्यादा  संख्या  किसकी  होती  है ?  जी  हां  इन  जगहों  पर  महिलाओं  की  बजाय   पुरुष  ही  ज्यादा  नजर  आते  हैं , खास  तौर  पर  वे  जब  गोलगप्पे  खाने  के  अंत  में  एक  सूखा  गोलगप्पा  और  देना , चटनी  लगाकर  या  फिर  भैया  थोड़ा  खट्टा  पानी  और  देना  कहते  नजर  आते  हैं  तो  उनके  इस  रूप  के  दर्शन  बड़े  दुर्लभ  होते  हैं । इसी  प्रकार  बड़ी  संख्या  में  ऐसे  भी  पुरुष  है  जिन्हें  खाने  में  तीखापन  ही  भाता  है ।                                                                                                                                            उम्र  को  लेकर  झूठ  बोलते  हैं – जिस  प्रकार  ज्यादातर  महिलाएं  खुद  को  आंटी  कहलाए  जाने  की  बजाए  दीदी  सुनना  ही  पसंद  करती  हैं  उसी  प्रकार  पुरुषों  को  भी  उम्र  के  मामले  में  झूठ  बोलते  आसानी  से  देखा  जा  सकता  है |  अंकल  जी , भईया  सुनने  के  बजाय  सीधे  नाम  लेकर  पुकारा  जाना  उनके  कानों  को  ज्यादा  भाता  है  इस  झूठ  का  सीधा  सबूत  उनके  डाई  किए  गए  बालों  के  साथ  झुर्रीदार  चेहरे  का  कंबीनेशन  होता  है ।  साथ  ही  जब  वे  अपने  से  छोटी  उम्र  की  महिलाओं  को  भी  दीदी  आंटी  कहकर  पुकारते  हैं  तो  वह  लम्हे  कभी  भुलाये  नहीं  जा  सकते |  कुछ  पुरुषों  में  तो  एवरग्रीन  एंग्री  यंग  मैन  दिखने  की  चाह  इतनी  होती  है  कि  वह  जिम  में  जाकर  डंबल्स  की  उठापटक  से  सिक्स  पैक  एब्स  बनाने  में  जुटे  रहते  हैं ।                                                                       महिला  पत्रिकाओं  और  डेली  सीरियल  के  शौकीन – अब  ऐसा  नहीं  है  कि  महिला  पत्रिका  पढ़ने  में  सिर्फ  महिलाओं  का  ही  अधिकार  है |  गंभीर  मुद्रा  में , कैसे  करें  घर  की  देखभाल  या  फिर  कैसे  दिखे  हर  उम्र  में  जवान  जैसे  आर्टिकल  पढ़ना  पुरुषों  को  भी  उतना  ही  भाता  है  जितना  कि  महिलाओं  को । अब  अगर आप  किसी  बुक  स्टॉल  पर  किसी  पुरुष  को  महिला  मैगज़ीन  खरीद  कर  पढ़ते  हुए  देखे  तो  हैरान  मत  होइएगा  क्योंकि  पुरुषों  के  भी  होते  हैं  मन , “फनी  फेमिनिन  फैक्ट्स” |  डेली  सोप  यानी  सीरियल्स  को  सास – बहू  वाले  सीरियल  ही  कहा  जा  सकता  है  पर  चस्का  इसका  ससुर , दामादों   में  भी  खूब  होता  है  वे  भी  इन  सीरियल्स  को  खूब  इंजॉय  करते  हैं ।                                                                                             बारगेनिंग  में  माहिर –  अगर  आपको  लगता  है  कि  शॉपिंग  के  दौरान  बारगेनिंग  पर  आकर  किसी  चीज  के  दाम  कम  करना  सिर्फ  महिलाओं  का  ही  हुनर  है  तो  यह  गलत  है  आप  पुरुष  से  चीज  के  मुंह  मांगे  दाम  वसूल  कर  ठगने  वाले  दिन  लद  चुके  हैं  आज  के  पुरुष  इस  फन  में  भी  माहिर  है । हुनर  तो  हुनर  है  जिसमें  पुरुष  भी  महिलाओं को  कड़ी  टक्कर  दे  रहे  हैं ।                                                                                                     सजने  सवरने  का  शौक – खूबसूरत  दिखना  हर  महिला  का  जन्मसिद्ध  अधिकार  है  इस  मिथ   को  तोड़ते  हुए  आज  के  युवक  अब  अपनी  खूबसूरती  की  सही  देखभाल  उनकी  गहरी  चिंता  का  विषय  है  सो  ब्यूटी  पार्लर  में  चेहरे  पर  पैक  लगाए , वैक्सिंग  करवाते  हुए  आसानी  से  दिख  जाते  हैं |  किस  फंक्शन  में  क्या  पहनना  है , कैसे  दिखना  है  यह  भी  कई  पुरुषों  के  लिए  गहन  चिंतन  का  विषय  होता  है  जिसकी  तैयारी  के  लिए  पूरा  दिन  अलमारी  खोले  नजर  आते  हैं  साथ  ही  उनके  कलर  सेंस  और  परफेक्ट  मैचिंग  के  तो  क्या  बात  हैं ।                                                                                                                                                   कानाफूसी  में  भी  कम  नहीं – किसी  की  बुराई  करना  अथवा  मीन  मेक  निकालने  को  महिलाओं  का  फेवरेट  पार्ट  टाइम  काम  कहा  जाता  है  दिलचस्प  होगा  यह  जानना  कि  ऐसा  करने  वाले  पुरुषों  की  संख्या  भी  कम  नहीं  है  अपने  दोस्तों  के  ग्रुप  में  बैठकर  बातें  करते – करते  निंदा  रस  का  पूरा – पूरा  आनंद  लेते  हैं  इसके  साथ  ही  उनमे  अहम  भावना  यानी  इगो  प्रॉब्लम  भी  कम  नहीं  होती  बल्कि  महिलाओं  के  मुकाबले  पुरुषों  में  पाया  जाने  वाला  इगो  फैक्टर  किंग  साइज  होता  है  अपनी  कमजोरी  और  कमियों  को  दूर  करने  की  बजाय  दूसरों  की  कमियों  पर  ज्यादा  फोकस  करना  अपने  सहयोगियों  की  प्रमोशन  आदि  पर  चिढ़ना   ऐसा  करने  में  पुरुष  भी  काफी  आगे  होते  हैं ।  

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