बच्चों की बुरी आदतें छुड़ाएं
बच्चों की कुछ आदतें पेरेंट्स के लिए परेशानी का सबब बनती हैं कुछ छोटी – छोटी बातों को ध्यान में रखकर बच्चे में पॉजिटिव बदलाव लाया जा सकता है । झूठ बोलना – अगर बच्चा झूठ बोलने लग जाए तो पेरेंट्स का चिंतित होना स्वाभाविक है उन्हें लगता है कि बच्चा आगे चलकर बेईमान और विश्वास ना करने लायक इंसान बन जाएगा , यह वाकई गंभीर और मुश्किल में डालने वाला व्यवहार है | इस उम्र में बच्चे कल्पनाशील होते हैं और उन्हें कहानियां गढ़ने में बड़ा मजा आता है वह अक्सर कहानियों , कल्पनाओं और वास्तविकता को मिलाकर कुछ ना कुछ कहानी बना देते हैं , ऐसा झूठ किसी खास मकसद से नहीं बोला जाता , झूठ बोलने का एक अन्य कारण सजा या फिर बोरियत से बचना भी हो सकता है इस समस्या से निपटने के लिए पेरेंट्स को स्वयं रोल मॉडल बनना होगा और बेईमानी के बारे में अपने विचार बताने होंगे , बच्चे को कल्पना और वास्तविकता के अंतर को समझाना होगा उसे बताना होगा कि आप सच की कद्र करते हैं , जिससे बच्चे को बड़ी से बड़ी सच्ची बात बताने में हिचक ना महसूस हो अगर इन सब से भी बात ना बने और समस्या बनी रहे तो स्कूल काउंसलर से इस बारे में मदद लें । चीखना चिल्लाना – कुछ बच्चे बात- बात पर चीखते चिल्लाते हैं हो सकता है कि उन्हें अपनी इस बुरी आदत के बारे में पता ही नहीं चलता हो बच्चा जब भी झल्ला कर बात करे तो उस समय जानबूझकर उसकी बात को अनसुनी कर दे ,थोड़ी देर बाद उसे समझाएं कि जब तुम झल्लाकर या चीख चिल्लाकर बात करोगे तब मैं तुम्हारी किसी बात का जवाब नहीं दूंगी लेकिन जब तुम मुझसे सामान्य आवाज में बात करोगे तभी मैं तुमसे बात करुंगी । नाखून चबाना – बचपन में नाखून चबाना एक सामान्य आदत है इस बुरी आदत की वजह से कीटाणुओं के शरीर में प्रवेश करने और बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है वैसे भी सामने बैठे व्यक्ति को नाखून चबाते देखना बुरा लगता है | ऐसी धारणा है कि जींस भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं अगर परिवार में किसी को नाखून चबाने की आदत है तो बच्चे में भी इस आदत के होने के बहुत आसार होंगे , इसे छुड़ाने में उसकी मदद करें उसे शांत भाव से कहें कि उसके नाखून चबाना अच्छी बात नहीं है यह उसको बीमार भी बना सकती है । जैसे ही वह इस आदत पर काबू पा ले तो उसे इनाम भी दीजिए । अंगूठा चूसना – 2 से 4 साल तक के 25 से 50% बच्चे अंगूठा चूसते हैं अगर 5 साल के बाद भी आदत बनी रहे तो बच्चे में स्वास्थ्य से संबंधित अनेक समस्याएं हो सकती हैं इनमें दांतों को नुकसान पहुंचना , अंगूठे में इन्फेक्शन होना शामिल है इस आदत की वजह से दोस्त उसका मजाक उड़ा सकते हैं बच्चे के इस व्यवहार से समझ आता है कि वह अपने तनाव को दूर करने का प्रयास कर रहा है अगर आप वाकई बच्चे को लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर से बात करें चाहे तो आप स्वयं इस बारे में बच्चों से बात करके मनमाफिक तरीके अपना सकते हैं इसके बाद उसमें आए पॉजिटिव बदलाव पर गौर करें और इस बारे में उसकी सराहना भी करें ।
Bahut sahi bataya
Very nice