पहले तोले फिर बोले
आज से हजारों वर्ष पूर्व हरिशंकर परसाई जी ने निंदा रस के बारे में लिखा था कि यह एक ऐसा रस है जिसका रस पान करने में महिलाओं को सर्वाधिक मजा आता है । यह सही है कि निंदा रस में बड़ा मजा आता है परंतु यह निंदा रस आपके अंदर तो नकारात्मकता भरता ही है कई बार दूसरों के सामने भी आपकी स्थिति को खराब कर देता है कहा जाता है कि , दीवारों के भी कान होते हैं इसलिए आज आपके द्वारा दूसरों के बारे में कही गई बात कभी न कभी सामने वाले के पास पहुंच ही जाएगी ऐसे में आपके संबंध बिगड़ने में देर नहीं लगेगी । दुनिया गोल है के सिद्धांत की ही भांति 4 महिलाओं द्वारा पांचवी के बारे में की गई बात एक दूसरे से होते हुए कब पांचवी तक वृहद स्वरूप में पहुंच जाती है , यह चुगली करने वाली को भी नहीं पता चलता और इसका नतीजा कई बार बड़े ही भयावह रूप में सामने आता है । अपने पड़ोसियों से सदैव एक जैसा व्यवहार रखें ना स्वयं किसी दूसरे के व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानने की जिज्ञासा रखें और ना ही दूसरों को अपने बारे में व्यर्थ की जानकारी दें . समस्या भी सदैव उसी से बताएं जो आपकी समस्या का समाधान कर सके । इसलिए इधर की बात उधर करना या फिर पीठ पीछे किसी की निंदा करना , यह तात्कालिक मजा कहीं आपके लिए सजा ना बन जाए इसलिए बहुत सोच समझकर बातें करें , इसी लिए कहा जाता है कि ” पहले तोले फिर बोले “ ।
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सत्य वचन 'पहले तोले फिर बोले"👍
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