परिवर्तन जीवन का अपरिहार्य नियम है
बदलाव के साथ चल कर ही हम खुद को मजबूती दे सकते हैं बदलते हालात और जरूरतों के अनुसार ना बदलने वाला इंसान ठहरे हुए पानी के समान हो जाता है । परिवर्तन जीवन का अपरिहार्य नियम है इसे हम चाहें या ना चाहे , परंतु यह होना अवश्य ही है । बंधा हुआ मन किसी भी परिवर्तन की राह में बाधा होता है । यह भी बिल्कुल सत्य है कि वक्त के साथ ना बदलने वाले पीछे छूट जाते हैं सौभाग्य केवल वीरों का साथ देता है लेकिन उनका साथ भी देता है जो किसी भी नए बदलाव के लिए तैयार होते हैं । हमें स्वयं बदलाव के लिए तैयार होना चाहिए हमारा काम या व्यवसाय कोई भी क्यों ना हो बदलाव के प्रति आगे रहने में ही भलाई है मेरा मानना है कि आज भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो परिवर्तन का हमेशा विरोध जताते रहते हैं उनका कहना कि वर्तमान व मौजूदा सुविधाएं हमारे इस काम के हिसाब से काफी अच्छे व सुविधा पूर्ण हैं परंतु यदि आप प्रगति चाहते हैं तो आगे बढ़े आपको परिवर्तन को स्वीकार करना ही होगा ।