सावन – ” शिव ” शब्द का अर्थ व महात्मय
आज 14 जुलाई से रंग रंगीला सावन शुरू हो रहा है सावन में प्रकृति हरियाली के कई शेड्स दिखाती है इस बार सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त को खत्म होगा हिंदू धर्म व मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है । शिव शब्द का अर्थ व महात्मय – शिव शब्द की उत्पत्ति ” वश कान्तौ ” धातु से हुई है इसका तात्पर्य है , ” जिसको सब चाहते हैं ” उसका नाम शिव है । जीवन में सभी अखंड आनंद चाहते हैं शिव का अर्थ आनंद है जहां आनंद है वहां शांति है और परम आनंद को ही परम मंगल और परम कल्याण कहते हैं अतः शिव का अर्थ है परम मंगल और परम कल्याणी समझना चाहिए । शिव संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है कल्याणकारी ,शुभकारी ।
यजुर्वेद में शिव को शांति दाता बताया गया है शिव के स्थूल रूपी व्यक्त काया और सूक्ष्म रूपी अव्यक्त लिंग कर के दो रूप हैं , शिवलिंग को विश्व की प्रजनन सामर्थ्य माना जाता है । लिंगायत ( वीर शैव मत ) में लिंग देवता में ही , सभी देवों का अस्तित्व तथा तीनों लोको का विद्यमान माना जाता है । लिंग पुराण में शिवलिंग आराधना का ज्ञान पठनीय है । शिवजी की सर्वाधिक अर्चना , लिंग रूपी पत्थर के रूप में की जाती है किंतु लिंग पुराण में देवी शक्ति को ही शिव में ताकत समाहित माना गया है, अन्य शब्दों में कहें तो सृष्टि के मूल तत्व अग्नि में पुरुष और सोममय प्रकृति स्त्री का संयोग ही अर्धनारीश्वर शिव स्वरूप है । सनातन धर्म में आदिदेव विष्णु , ब्रह्मा ,और महेश है जिसमें विष्णु जी की ख्याति सत्व गुण प्रधान है , ब्रह्मा जी की ख्याति रजोगुण प्रधान है , और शंकर जी की ख्याति तमोगुण प्रधान है ।
🙏 ओम नमः शिवाय 🙏
हर हर महादेव 🙏