मधुर वाणी की महिमा

 वाणी  का  प्रयोग  व्यक्ति  को  बहुत  ही  सोच  समझ  कर करना  चाहिए  जो  कार्य  धन  और  शक्ति  से  भी  संपन्न नहीं  हो  पाते  हैं  वह  मधुर  वाणी  से  आसानी  से  संपन्न हो  जाते  हैं  व्यक्ति  की  वाणी   जितनी  मधुर  होगी  वह उतना  ही  सफल  होगा  ,मधुर  वाणी  बोलने  वाला  व्यक्ति सभी  का  प्रिय  होता  है  वही  जिसकी  वाणी  से  क्रोध झलकता  है  उससे  लोग  दूरी  बना  लेते  हैं  ।                                          मधुर  वाणी  और  विनम्रता  व्यक्ति  के लिए  आभूषण  के  समान  हैं  , कई  बार  घर  या  दफ्तर में या  दूसरे  के  कामों  से  व  व्यवहार  से  गुस्सा  उपजता है लेकिन  यह  बहुत  जरूरी  है  कि  हम  अपने  गुस्से  वाले इमोशन  को  मैनेज  करना  सीखे , अगर  इसे  अनियंत्रित छोड़  दिया  जाए  तो  यह  हमारे  लिए  नुकसानदेह  साबित हो  सकता  है  इससे  हमारे  और  दूसरों  के  बीच  संबंधों के  खराब  होने  की  संभावना  तो  बढ़ती  है  ,हमारे स्वास्थ्य  पर  भी  बुरा  असर  पड़  सकता  है ।                                   गुस्सा  एक  ऐसा  इमोशन  है  जिसके  प्रति हमें  ज्यादा  सतर्क  रहने  की  जरूरत  होती  है  विशेषज्ञों की  मानें  तो  वाद  विवाद  के  दौरान  अपना- आपा   खोने के  लिए  दो  बातों  पर  ध्यान  देना  जरूरी  है  पहले  यह कि  हम  सामने  वाले  से  संवाद  कैसे  कर  रहे  हैं  और दूसरा  यह  कि  सामने  वाले  की  बातों  पर  हम  प्रतिक्रिया कैसे  दे  रहे  हैं  , बातचीत  या  चर्चा  के  दौरान  गुस्से  पर काबू  रखने  का  मतलब  यह  नहीं  है  कि  हम  चुप रहे  , या  सामने  वाले  को  अपने  तक  ना  दें  अपने  विचार  राय उत्तर  जरूर  रखनी  चाहिए   लेकिन  शांति  व  समझदारी से  बोली  को  मधुर  रखना  जिंदगी  की  सबसे  बड़ी  कला है  और  तरक्की  का  सबसे  बड़ा  सूत्र  ।

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