भारतीय इतिहास में महिलाओं का योगदान

 भारतीय   इतिहास   में   महिलाओं   का   काफी   योगदान  रहा   है । पुरुष  प्रधान  समाज  में  महिलाओं  को  अपनी  छवि  बनाने  में  अक्सर  बहुत  ज्यादा  मेहनत  लगती  है । लेकिन  ऐसी  कुछ  महिलाएं  हैं  जिन्होंने  पिछले  कई  सालों  या  कई  दशकों  या  कह  ले   इतिहास  में  एक  कर्तव्य  निभाया  व  समाज  के  उत्थान  को  लेकर  परम  योगदान  दिया  है , वह  कला  के  क्षेत्र  में  हो  या  राजनीति  के  क्षेत्र  में  या  किसी  भी  क्षेत्र  में  सराहनीय  रहा  है । कुछ  दमदार  महिलाओं  की  बात  की  जाए  तो  कुछ  किरदार  स्वयं  ही  ध्यान  में  आ  जाते  हैं ।                                 

        मदर  टेरेसा – मदर  टेरेसा  का जन्म  26  अगस्त  1910  में  युगोस्लाविया  के   स्पोंजे   नगर  में  हुआ  था । मदर  टेरेसा  एक  कैथोलिक  नन  थी |  इन्होंने  1948  में  भारत  की  नागरिकता  ली  और  गरीब  अनाथ  और  रोगियों  के  लिए  मिशनरीज  ऑफ  चैरिटी  की  स्थापना  की  जो  इनके  जीवन  काल  में  123  देशों  में  फैल  गया , तो  इन्हें  1989  में  नोबेल  शांति  पुरस्कार  दिया  गया  और  1980  में  भारत  का  सर्वोच्च  सम्मान  भारत  रत्न  प्रदान किया  गया।  इनकी  मृत्यु  15  सितंबर  1997  को  हुई  इसके  बाद  पोप  जॉन  पॉल  ने  इन्हें  संत  की  उपाधि  दी ।                            अमृता  शेरगिल – भारत  की  प्रसिद्ध  चित्रकार  अमृता  शेरगिल  का  जन्म  1915  में  वुडा  पेस्ट  हंगरी  में  हुआ  था। इनके  पिता  भारतीय  व  माता  हंगरी  मूल  की  थी । 8  वर्ष की  उम्र  में  पियानो  ,वायलिन  ,बजाने  के  साथ- साथ  वे  (कैनवस)  चित्रकारी  में  भी  हाथ  आजमाने  लगी  थी । 22  वर्ष में  वे  तकनीकी  रूप  से  पूर्ण  चित्रकार  बन  गई । यह  मुग़ल व  बाहरी  कला  के  साथ  अजंता  कला  से  भी  प्रभावित  थी  इन्हें  भारत  का  सबसे  महंगा  चित्रकार  भी  माना  जाता  था । बीसवीं  सदी  के  इस  मनभावन  चित्रकार  को  भारतीय  पुरस्कृत  संरक्षण  ने  1976  और  1979  में  भारत  के  सर्वश्रेष्ठ  9  चित्रकारों  की  सूची  में  शामिल  किया  था |  इनके  चित्रों  में  भारतीय  कला  झलकती  थी । 1941  में  मात्र  28  वर्ष  की  आयु  में  गंभीर  रूप  से  बीमार  होने  के कारण  इनकी  मृत्यु  हो  गई ।                                                                                                                         लक्ष्मी  सहगल – 1914  में  एक  परंपरावादी  तमिल  परिवार में  जन्मी  लक्ष्मी  सहगल  पेशे  से  डॉक्टर  थी।  मद्रास  मेडिकल  कॉलेज  में  पढ़ाई  करने  के  बाद  सिंगापुर  चली  गई  वहां  सुभाष  चंद्र  बोस  की  आजाद  हिंद  फौज  में  शामिल हुई । आजाद  हिंद  फौज  की  अधिकारी  तथा  आजाद  हिंद सरकार  में  महिला  मामलों  की  मंत्री  थी । भारत  सरकार  ने  1939  में  इन्हें  पद्म  भूषण  से  सम्मानित  किया  । लक्ष्मी सहगल  को  दिल  का  दौरा  पड़ने  के  बाद  23  जुलाई  1912  में  कानपुर  के  एक  अस्पताल  में  निधन  हो  गया ।                   

इंदिरा  गांधी – कांग्रेस  की  मशहूर  शख्सियत,  जवाहरलाल नेहरू  की  संतान  किसी  परिचय  की  मोहताज  नहीं  है  जिन्हें  राजनीति  विरासत  में  मिली  थी  । गांधी  उपनाम  फिरोज  गांधी  से  विवाह  के  उपरांत  मिला  था  ।भारत  की  पहली  महिला  प्रधानमंत्री  रह  चुकी  इंदिरा  गांधी  इन्हें  लोक  महिला  भी  कहा  जाता  था । इनकी  उपलब्धियां  सबको  याद  है  जैसे  बैंकों  का  राष्ट्रीयकरण , हरित  क्रांति , परमाणु  कार्यक्रम  आदि।  बैंकों  के  राष्ट्रीयकरण,  से  एक  कमजोर  वर्ग  व  किसानों  को  कम  ब्याज  पर  लोन  देश  में  मिलना  , फिर  हरित  क्रांति  का  आना । ये  स्माइलिंग  बुद्धा  के  छद्म  नाम  से  मशहूर  थी । वे  राजनीति  की  माहिर  खिलाड़ी  थी     विरोधियों  को  खामोशी  से  धूल  चटा  देने  में  उन्हें  महारत  हासिल  थी |  अमेरिका  के  राष्ट्रपति  रोनाल्ड  रीगन  भी  इनकी  बुद्धिमत्ता  के  कायल  थे ।                                                                       
                      
रमाबाई
– पंडित  रमाबाई  23  अप्रैल  1898  को  संस्कृत  विद्वान  अनंत  डोंगर  के  घर  जन्मी । यह  एक कवयित्री  होने  के  साथ  ही  महिलाओं  के  उत्थान  की  समर्थक  थी  वह  ब्राह्मण  होने  के  बावजूद  गैर  जाति  में  बंगाली  वकील  विपिन  बिहारी  दास  से  विवाह  कीं , व  आर्य  महिला  सभा  की  स्थापना  की ।  वह  एक  समाज  सुधारक  थीं  इन्होंने  बाद  में   ईसाई  धर्म  अपना  लिया |  संस्कृत  भाषा  व  साहित्य  व  धार्मिक  ग्रंथों  से  ज्ञान  को  व्यापक  रूप  से  जाना  और  सराहा  जाने  लगा  उनके  संस्कृत  सीखने  की योग्यता  के  कारण   इन्हें  पंडित  की  उपाधि  दी  गई ।                                                                                                                                                    अरूणा  आसफ  अली – भारत  छोड़ो  आंदोलन  में  मुख्य  भूमिका निभाने  वाली  अरूणा  आसफ  अली  का  जन्म  16  जुलाई  1916  को  पंजाब  के  कलका  में  हुआ  था । लखनऊ  और नैनीताल  से  शिक्षा  प्राप्त  करने  के  बाद  वे  कोलकाता  में अध्ययन  करने  चली  गई । अरुणा  आसफ  अली  भारत  की आजादी  की  लड़ाई  में  एक  नायिका  के  रूप  में  उभरकर  आईं | 1942  के  भारत  छोड़ो  आंदोलन  में  अहम भूमिका  निभाई । उनकी  उपलब्धियों  की  बात  करें  तो  यह  दिल्ली  की  प्रथम  मेयर  1958  में  बनी , लेनिन  शांति  पुरस्कार 1964  में  प्राप्त   किया।                 

                         कल्पना  चावला –  अंतरिक्ष  की  सैर  करने  वाली  कल्पना चावला  किसी  परिचय  की  मोहताज  नहीं  है । कल्पना चावला  का  जन्म  17  मार्च  1962  को  करनाल  हरियाणा  में  हुआ  था । इनके  पिता  इन्हें  टीचर  या  डॉक्टर  बनाना  चाहते  थे  परंतु  कल्पना  चावला  बचपन  से  ही  अंतरिक्ष  में  सैर  करने  के  सपने  देखती  थी । मार्च  1995  में  नासा  के   अंतरिक्ष  यात्री  लिस्ट  में  शामिल , 1997  में  अंतरिक्ष  के सचल  कोलंबिया  की  यात्रा  करने  वाली  यह  दूसरी  महिला थी ।    

Similar Posts

15 Comments

Leave a Reply