बच्चों की बुद्धिमत्ता का स्तर – गतिविधियों पर ध्यान देना जरूरी

बच्चों  की  परवरिश  में  जुटे  सभी   माता- पिता  यह चाहते  हैं  कि  उनका  बच्चा  स्मार्ट  और  तेज  दिमाग वाला  बने  ताकि  वह  जीवन  के  हर  क्षेत्र  में सफलता  पाए  , इसके  लिए  अभिभावक  उनके  खाने  पीने  से  लेकर  अच्छा  स्कूल  खोजते  हैं  और अच्छा  माहौल  देने  की  पूरी  कोशिश  करते  हैं  लेकिन  बच्चों  के  स्मार्ट  होने  और  अच्छे  होने  में उसकी  बुद्धिमत्ता  के  स्तर  का  असर  पड़ता  है ।                                                                                      एक  बढ़ते  हुए  बच्चे  की  बुद्धिमत्ता  का  स्तर जानने  के  लिए  अभिभावकों   को  हमेशा  सतर्क रहना  चाहिए  जिससे  कि  समय  रहते  ही  कोई समस्या  हो  तो  उस  समस्या  का  निदान  किया  जा सकता  है  , बच्चों  को  उनकी  रुचि  और  दिशा  के अनुसार  सीखने  देना  चाहिए  इससे  उन्हें  सीखने  में रुचि  होती  है  और  वह  अधिक  स्थाई  रूप  से सीखते  हैं  ।                                                                                                                               बच्चों  को  विभिन्न  अनुभवों  से  गुजरने  देना चाहिए  इससे  उनकी  बुद्धि  विकसित  होती  है  और वह  नई  अनुभूतियों  से  सीखते  हैं  बच्चों  को  विभिन्न खेलों  और  संगठनों  में  शामिल  होना  चाहिए  इससे उनकी  सोचने  की  क्षमता  विकसित  होती  है  और वह  सामाजिक  रूप  से  भी  विकसित  होते  हैं  ।  बच्चों  को  पढ़ाई  करने  के  लिए  प्रेरित  करें  , इससे उनकी  बुद्धि  विकसित  होती  है  और  वह  नए अध्ययन  सामग्री  से  संपर्क  करते  हैं    ।                                                                                                                                       बच्चों  के  मानसिक  विकास  के  अलग- अलग चरण  होते  हैं  फिर  भी  कुछ  तरीकों  से  आप  उम्र  के  हिसाब  से  बच्चों  की  बुद्धिमत्ता  का  स्तर  परख सकती  हैं ,  आमतौर  पर  इसके  लिए  कई  सारी बुद्धिमत्ता  टेस्ट  भी  होते  हैं  लेकिन  बच्चों  के व्यक्तिगत  विकास  को  देखकर  भी  आप  उम्र  के हिसाब  से  उसकी  बुद्धिमता  का  अनुमान  लगा सकती  हैं  , जैसे  कि  उसकी  भाषा  विकास ,  समस्या  हल  करने  की  क्षमता  , नई  अवधारणाओं को  समझने  की  क्षमता  आदि । बच्चों  के  शिक्षक प्रदर्शन  जैसे  अंक  और  टेस्ट  स्कोर  भी  उनकी बुद्धिमत्ता  के  बारे  में  संकेत  प्रदान  करते  हैं  याद  रखें  इसके  लिए  केवल  एक  अनुमान  पूरी  तरह  से सही  नहीं  हो  सकता  इसलिए  बच्चों  को  उनकी  रुचि  के  अनुसार  सीखने  दे   ।                                                                                                 बच्चों  की  बुद्धिमत्ता  का  स्तर  क्या  है  इसे  जानना इतना  भी  मुश्किल  नहीं  है  , बस  बच्चे  का  रोज  की  गतिविधियों  का  थोड़ा  अवलोकन  करें  और उसके व्यवहार को देखे वह समझे  –                                   1 –      आपका बच्चा किस उम्र में बोलना शुरू करता है उसके शब्दों को कैच करने की क्षमता कितनी है कोई भी शब्द व कम गलतियों के साथ बोल रहे या बार-बार उसे सीखना पड़ रहा है यह सब भी उसकी बुद्धिमता को बताते हैं    ।                                                                                                                                                          2 –  एकाग्रता  –  अगर आपका बच्चा एक जगह या काम के प्रति एकाग्र हो रहा है तो यह साबित होता है कि उसकी उसकी बुद्धिमत्ता तेज है  ।                                                                                                                          –   ल विषयों  में रुचि  –    बच्चे अजीबोगरीब प्रश्न पूछ कर माता-पिता को निरुत्तर कर देते हैं कई बार माताएं परेशान हो जाती हैं लेकिन आप थोड़ा धैर्य रखें जितना हो सके उसके प्रश्नों का सही जवाब देने की कोशिश करें  ।           4 –    सेंस ऑफ़ ह्यूमर                                                                                                                           5 –   सीखने की ललक                                                                                                                           6–    अच्छी याददाश्त होना                                                                अगर आप अपने बच्चों की इन गतिविधियों पर ध्यान दें तो आपको समझ आएगा कि आपकी बच्चे की बुद्धिमत्ता का स्तर क्या है और अगर उसमें कोई समस्या भी आ रही है तो उसका समाधान करने की कोशिश करें  ।

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