karmshakti v sahas

कर्म शक्ति और साहस – तनिक विचार करें

जीवन  एक  बड़ा  और  लंबा  संघर्ष  है  , अपने  लक्ष्य तक  पहुंचाने  के  लिए  हमें  लहरों  के  विरुद्ध  तैरना पड़ता  है  , रास्ते  में  कई  संकट  और  मुसीबत  का सामना  करना  पड़ता  है  , और  जो  व्यक्ति   उसका  सामना  करने  के  लिए  व  उन्हें   नियंत्रित  करने  के लिए  तैयार  हैं  वही  जीवन  में  विजयी  बनता  है।                            जीवन  में  सफलता  पाने  के  लिए पांच  गुण  अति  आवश्यक  है  – सच्चाई ,  ईमानदारी  ,फल  की इच्छा  के  बिना  परिश्रम  करना ,  दूसरों  को दुख  नहीं  देना  , और  गरीबों  का  दुख  दूर  करना ,  यह  सभी गुण  सफल  लोगों  में  भरपूर  देखने  को मिलते  हैं ,  हमें  भी  अगर  एक  सफल  और  सार्थक जीवन  चाहिए  तो  इन  गुण  को  अपने  जीवन  का आधार  बनाना  चाहिए   ।                                                           एक  बहुत  पुरानी  और  सच्ची  कहावत है  ” जहां  चाह  वहां  राह  ”  जो  व्यक्ति  कुछ  करने के  लिए  संकल्प  करता  है  तब  वह  उसे  अवश्य  पूरा  करेगा ,  यदि  उसका  संकल्प  दृढ़  है ।  हम  योग्य  है  यह  सोचना  ही  योग्य  होने  जैसा  है । सफलता  प्राप्त  करने  के  लिए  कृत  निश्चय  होना  ही अधिकांशत  स्वयं  कामयाबी  हुआ  करती  है  ।    इस प्रकार  गंभीरता  पूर्वक  लिए  गए  संकल्प  के  चारों ओर  अक्सर  एक  ईश्वरीय  सुगंध  सी  व्याप्त  हो जाती  है  ,अधिकांश   लोग  सफल  होते  हैं  उनसे  वह कहते  हैं  कि  अगर  उनका  वश  चलता  तो  वह शब्दकोश  से  असंभव  शब्द  निकाल  चुके  होते  हैं ,   नहीं जानते  ,  नहीं  कर  सकते  आदि  वाक्य  को  वह  बेहद  ना  पसंद  करते  थे  ” सीखो ” “करो ” “कोशिश  करो ”  आदि  शब्दों  का  समर्थन  करते  थे   ।                                                                                        जब  आप  लोगों  के  साथ  अंधेरे  कमरे  में  होते  हैं  तो  यह  अपेक्षा  मत  रखिए  कि  यहां  कोई  और  दिया  जलाए ,  सबसे  पहले  आप  दिया जलाइए , ईमानदार  समाज  के  लोगों  के  बीच ईमानदार  रहना  आसान  है  लेकिन  हमारे  पाप  युक्त समाज  में  ईमानदार  और  परिशुद्ध  होकर  बने  रहना बहुत  मुश्किल  है  ।  हम  जिधर  भी  देखें  वहां  स्वार्थ , धोखाधड़ी ,  कपट  , भ्रष्टाचार  ,  स्वजन  पक्षपात  और  शोषण  है  इसलिए  हमें  ऊपर  बताएं  पांच गुणो का  पालन  ईमानदारी  से  जीवन  बिताने  के  लिए अमल  में  लाना  चाहिए ,  अगर  हम  इन  नियमों  का पालन  अपने  जीवन  में  करते  हैं  तो  हम  अपने  देश को  बेहतर  बना  सकते  हैं ।                                                       हमारे   पास  हमारा  मार्गदर्शन  करने  के  लिए  अति  उत्तम  हिंदू  धर्म  होते  हुए  भी  आज हम  अंतरराष्ट्रीय  स्तर  पर  बहुत  नीचे  हैं ,  चाहे कितने  स्कूल ,  कॉलेज  प्रारंभ  करें  चाहे  जितने  उद्योग  निर्माण  कर  लोगों  को  नौकरियों  का  प्रबंध करें  , बीमारियों  के  निर्मूलन  के  लिए  चाहे  कितने अस्पताल  शुरू  करें ,  पर  जब  तक  यह  पांच  गुण उनमें  नहीं  है  तब  तक  ना  हमारा ,  ना  हमारे  देश का  उद्धार  होगा ,  चाहे  जितनी  समझदारी  से  अलग सरकार  अलग- अलग  योजनाएं  बनाएं  और  उन्हें क्रियान्वित  करें  , और  निश्चित  करें  कि  उनसे  लोगों को  लाभ  मिले  पर  ईश्वर  हर  एक  व्यक्ति  को  उसके पाप  कर्मों  के  आधार  पर  ही  कई  अन्य  विघ्नों  से दंड  देते  है ।      you also read  –     https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%Hindu dharma and karm                               यदि  हम  ईश्वर  को  उनकी  इच्छा  और अपेक्षाओं  को  सही  प्रकार  से  समझे  और   अपना जीवन  उनके  निर्देशन  के  अनुसार  बताएं  तो  हम और  हमारे  बच्चे  सही  जीवन  जी  सकेगे  व  उन्नति  कर  सकेंगे  ।

 

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