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व्यस्त रहें , खुश रहें
प्रत्येक महिला के जीवन में 40 से 50 वर्ष की उम्र तक एक ऐसा पड़ाव आ जाता है जब उसके बच्चे नौकरी या शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से दूर चले जाते हैं । कामकाजी महिलाओं की जीवन शैली पर इससे कुछ अधिक फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उनकी व्यस्तता तो जस की तस ही …
अंतर्द्वंद- मन का अंधकार करें दूर
आज संसार का हर व्यक्ति दुविधा से ग्रस्त है क्योंकि वह सिर्फ निजी स्वार्थ के बारे में सोचता है लेकिन अपने लिए सारी सुख – सुविधाएं जुटा लेने के बावजूद वह अंदर से खालीपन महसूस करता है | आज हमारे पास भौतिक सुख-सुविधाओं के हजारों विकल्प मौजूद हैं और गहरी आसक्ति की वजह से …
कुछ प्रश्न अपने आप से जरूर करें
सारा विज्ञान ही प्रश्नों पर आधारित है क्योंकि जिस प्रश्न का उत्तर मिल जाता है उस प्रश्न का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है , यदि जीवन से भी प्रश्न समाप्त हो जाए तो जीवन में रोमांच ही समाप्त हो जाएगा । …
नकारात्मक सोच रिश्तों में दरार
हमारे आस – पास हज़ारों तरह के रिश्ते बुने होते हैं | घर में माता-पिता , भाई – बहन जैसे अनमोल रिश्ते तो बाहर की दुनिया में दोस्तों व सखी सहेलियों के रूप में और विवाह के बाद किसी रिश्ते की भाभी , मामी , चाची और बहू के रूप में | रिश्ते को मजबूत …
महिलाएं – रचनात्मकता की तलाश
आज के भाग -दौड़ वाली जिंदगी में घरेलू महिलाए दिन भर ढेर सारे कार्यों में घिरी रहती हैं और एक समय ऐसा आता है कि जब आप महसूस करती हैं कि इन सारे कार्यों के अलावा आपकी जिंदगी में और कुछ करने को है ही नहीं ! …
जीवन से हारे नहीं जीवन सवारे
अगर आपके पड़ोसी के घर में चोरी हो रही है और आप आराम से सो रहे हैं तो याद रखिए अगला नंबर आपका है | जाने-माने मोटीवेटर शिव खेड़ा जी के शब्द इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि वर्तमान समाज में दो घरों के बीच इतनी गहरी खाई है जितना पहले दो देशों…
हमारे जीवन में