महिलाएं – अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकले
अक्सर यह माना जाता है कि शादी के बाद महिलाओं का कैरियर समाप्त हो जाता है क्योंकि घर और बच्चों से उसे फुर्सत ही नहीं मिलती कि वह अपने सपनों को पूरा करने के बारे में सोचें , लेकिन अगर मन में कोई कला अंगड़ाई ले रही हो और हाथ का कोई हुनर कल्पनाओं को सार्थक बनाने को व्याकुल हो तो बाधाएं अपने आप ही ध्वस्त हो जाती हैं और मान्यताएं तथा रूढ़ियां भी दरकने लगती हैं, । जैसे- जैसे वक्त बदल रहा है यह धारणा गलत होती जा रही है महिलाओं ने अपने हुनर से यह साबित किया है कि शादी का मतलब महिला का कैरियर खत्म होना नहीं है यह केवल एक पड़ाव है जिसे समाज ठहराव समझने की भूल करता है । खुद के लिए जीने का मतलब है अपनी रुचियो का ध्यान रखना , अपने लिए समय निकालना , घर और पति – बच्चों की जरूरतों की पूर्ति करना साथ में अपनी पसंद को भी दबने नहीं देना ।
कंफर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए हमें कुछ मूलभूत चीजों को ध्यान में रखना चाहिए –
* जीवन में सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की कोशिश करें
* प्रेरणादायक विचार तथा कहानियां पढ़ने व सुने ।
* अति किसी चीज की भी बुरी होती है इसलिए ज्यादा सोचना छोड़ें ।
* हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करें ।
* अपने रोज के कार्यों में भी रचनात्मकता को शामिल करें तो कार्य की गुणवत्ता बढ़ जाएगी ।
हमारे देश में ऐसे असंख्य महिलाओं के उदाहरण हैं जिन्होंने शादी के बाद बिजनेस से लेकर यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास करके अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है । इतना ही नहीं वे अन्य महिलाओं को भी प्रोत्साहित कर रही हैं ताकि वह अपने हुनर को पहचानकर परवान चढ़ा सकें , हमारे देश में ऐसी बहुत सारी महिलाएं हैं जिन्होंने शादी के बाद बिजनेस के क्षेत्र में कदम रखा और आज सफलता पूर्वक अपना व्यवसाय चला रही हैं साथ ही अन्य महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें भी आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं । दरअसल किसी महिला को अब मान्यताओं और परंपराओं के नाम पर किसी बन्दिश में कैद नहीं किया जा सकता क्योंकि वह उन्मुक्त उड़ान भरना जानती है महिलाओं ने अपनी काबिलियत से वक्त बदला है अब समय समाज को अपनी सोच को भी बदलने का ।