आयुर्वेद में प्राथमिक चिकित्सा के सरल उपाय
विषैले जीवो के काटने पर – मधुमक्खी, बर्रे, और कीड़े, मच्छर आदि के काटने पर डंक द्वारा एक प्रकार का विष शरीर में पहुंच जाता है जिससे दर्द , सूजन , जलन आदि होती है कोशिश करके सबसे पहले डंक निकाले उसके बाद डंक वाली जगह के ऊपर के हिस्से को डोरी या कपड़े से कसकर बांध दें।
*अर्क कपूर या तारपीन का तेल विषैले जंतु के कांटे के स्थान पर लगाएं यह सब ना मिले तो प्याज या तंबाकू पीसकर बांध दें | घाव होने या चोट लगने पर – तुलसी की पत्तियों के चूर्ण को घाव पर रखने या पीसकर लेप लगाने से घाव भर जाते हैं * कड़वे नीम के पत्ते पीसकर शहद मिलाकर रखने से बहते हुए घाव में फायदा होता है । * नुकीली वस्तु से चोट लगने पर खून निकले तो मुलेठी पाउडर को देसी घी में मिलाकर घाव पर लगाएं और कसकर पट्टी बांधे मुलेठी नहीं है तो हल्दी और फिटकरी पाउडर को मिलाकर घाव पर लगाएं और पट्टी बांधे । सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के आयुर्वैदिक वैलनेस सेंटर की मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर एस दीपा के अनुसार – अंदरूनी चोट लगने या मोच आने पर – कई बार भारी चीज से चोट लगने पर खून तो नहीं निकलता पर नीला निशान पड़ जाता है या गूमड़ निकल आता है ऐसे में प्याज , आंबा , हल्दी , नमक और तेल को कुचलकर पोटली बना लें इस पोटली को सरसों के तेल में भिगोकर गर्म सेक करें फिर इसे बांध दें इससे जमा खून फैलेगा और दर्द में आराम मिलेगा । * गर्म पानी की बोतल से या बाजरे को कढ़ाई में गर्म करके पोटली बना लें उस से सिकाई करें चोट लगने के तुरंत बाद सिकाई ना करके बर्फ लगाएं एक दिन बाद सिकाई करें हल्दी व तेल में लहसुन गर्म करके उसका लेप लगाएं । * अंदरूनी चोट में दर्द हो तो अनार का छिलका पानी में गला कर पीस लें और उसमें पिसी हुई हल्दी मिलाकर बांधे । * एलोवेरा के पत्ते के कांटे निकालकर गूदे और रस को चोट पर लगाएं आराम मिलेगा । ततैया , मधुमक्खी व बिच्छू के काटने पर – इनके काटने के स्थान पर फिटकिरी पानी में पीसकर लेप करें विश का असर नहीं रहता । * तुलसी के पत्तों का रस नमक के साथ उस स्थान पर रगड़ने से दर्द कम होगा पांच छे पत्ते रोगी को खिला भी दे । * जमीकंद को पकाकर इसकी पुड़िया बनाकर कीड़े द्वारा काटे गए स्थान पर बांधने से लाभ होता है । सांप के काटने पर – सांप के काटने पर रोगी को सोने ना दे | दूध में घी मिलाकर पिलाएं और तुरंत अस्पताल ले जाए । * लहसुन की ताजी कलियां पीसकर सांप या बिच्छू के काटे स्थानों पर लगाने से जहर का असर कम होता है । बेहोश होने पर – बेहोश होने पर रोगी बातचीत का जवाब नहीं दे पाता , आंखें नहीं खुल पाता , शरीर में कोई हरकत नहीं होती ऐसे में जब तक डॉक्टर आए सिर के नीचे से तकिया हटा दें और पैर थोड़ा ऊपर कर दे कुछ भी पिलाने की कोशिश ना करें । * पुदीने की पत्तियों की खुशबू से बेहोशी दूर होती है । * गर्मी के कारण व्यक्ति बेहोश हो गया हो सिर दर्द हो तो खीरे को एक सिरे से काटकर सुंघाए । मुंह में छाले – यह समस्या कब्ज या एसिडिटी , दवाइयां या ड्राई फूड ज्यादा खाने से होती है । * ईसबगोल की भूसी शाम के समय पानी के साथ लें । * गूलर व नीम के पत्ते पानी में उबाल छान कर उसे बार – बार कुल्ले करें , चमेली के पत्तों को चबाकर थूकते जाएं , अमरूद के मुलायम पत्तों पर कत्था लगाकर पानी की तरह चबाएं । * आवला खाएं , मुलेठी व घी मिलाकर छालों पर लगाएं । कांटा चुभने पर – उस स्थान पर ढाक के दूध की दो बूंदे टपका दे कांटा अंदर रह गया हो तो वह बाहर आ जाएगा । * शहद के साथ राई पीसकर लगाने से भी कांटा निकल आता है । इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएं https://www.palakwomensinformation.com/2020/11/ayurveda-aur-hamara-swasthya.html
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