महिला सुरक्षा
महिलाओं की सुरक्षा यह एक महत्वपूर्ण विषय है भारत अपनी महान परंपराओं के लिए दुनिया भर में जाना जाता है जहां महिलाओं को सबसे सम्मानित स्थान दिया जाता है भारतीय महिलाएं सभी क्षेत्रों में काम कर रही हैं जैसे कि वह मानिकी , अंतरिक्ष , राजनीति , बैंक , स्कूल , खेल , व्यवसाय , सेना , पुलिस | लेकिन हम भारत में महिलाओं की स्थिति के नकारात्मक पहलू को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं । मध्यकालीन युग से लेकर 21 वीं सदी तक महिलाओं की प्रतिष्ठा में लगातार गिरावट देखी गई है | देश की आधी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती हैं हमारी महिलाएं और विकास में भी आधी भागीदार हैं इस तर्क को तो कतई नहीं नकारा जा सकता कि आज के आधुनिक युग में महिला पुरुषों के साथ ही नहीं बल्कि दो कदम आगे ही निकल चुकी हैं , वे राष्ट्रपति से लेकर जिला स्तर की योजनाओं का आधार बन चुकी है , महिलाओं के बिना दिनचर्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती | भारतीय संविधान के अनुसार महिलाओं को भी पुरुषों के समान स्वतंत्र व गौरवमई जीवन जीने का हक है । हर दिन हर मिनट कुछ महिलाओं को देशभर में विभिन्न स्थानों पर उत्पीड़न , छेड़छाड़ , मारपीट जैसे अपराधों का सामना करना पड़ता है । भारत की राष्ट्रीय राजधानी में निर्भया सामूहिक बलात्कार एक भयानक घटना थी जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता | भारत में महिला सुरक्षा के संबंध में स्थिति को सुधारने के लिए आत्म सुरक्षा तकनीक सबसे महत्वपूर्ण है जिसके लिए प्रत्येक महिला को अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक होना चाहिए उनके पास सभी आपातकालीन नंबर होने चाहिए ताकि वह तुरंत अपने परिवार के सदस्यों और पुलिस से संपर्क कर सकें ।
वूमेंस हेल्पलाइन नंबर – पुलिस- 112 वूमेन इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर- 181 इंडियन रेलवे वुमन सेफ्टी- 181 वूमेन हेल्पलाइन- 1091,1090 एंबुलेंस हेल्पलाइन-180 इनकेव ऑफ इमेरजैंसी कॉल -122 महिलाओं के खिलाफ होने वाली सभी प्रकार के अपराधों के लिए सुरक्षा कानून की एक लंबी सूची है जैसे कि – चाइल्ड मैरिज एक्ट-1929 स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 हिंदू मैरिज एक्ट-1955 हिंदू विडो रीमैरिज एक्ट- 1856 इंडियन पीनल कोड-1860 मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट-1861 फॉरेन मैरिज एक्ट-1969 इंडियन डायवोर्स एक्ट-1969 क्रिश्चियन मैरिज एक्ट-1872 मैरिड वुमन प्रॉपर्टी एक्ट-1874 मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन एक्ट-1986 नेशनल कमीशन फॉर वूमेन एक्ट-1990 सेक्सुअल हरासमेंट ऑफ वुमन एंड वर्किंग प्लेस एक्ट – 2013 इसके अलावा 7 मई 2015 को लोकसभा ने और 22 दिसंबर 2015 को राज्यसभा ने जुवाइनल जस्टिस बिल में भी बदलाव किया है इसके अंतर्गत यदि कोई 16 या 18 वर्ष का किशोर जघन्य अपराध करता है तो उसे भी कठोर सजा का प्रावधान है । ( खास तौर पर निर्भया कांड के अपराधी किशोर होने के कारण छूट जाने के बाद ) यह प्रावधान बनाया गया ।
लेकिन इसके बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है हमें इसके लिए केवल सरकार को ही दोष नहीं देना चाहिए क्योंकि महिला सुरक्षा केवल सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है महिला सुरक्षा की इस समस्या को समझने और हल करने की तत्काल आवश्यकता है ताकि वह भी अपने देश में पुरुषों की तरह समान रूप से विकसित हों और हमारे देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकें । महिलाओंं के सुरक्षा के लिए एक कदम और बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर थाने में एक सीक्रेट रूम बनवाने के निर्देश दिए हैं इसमें पीड़ित, महिला पुलिसकर्मी से अपनी बात निसंकोच कह सकेंगे । मिशन शक्ति अभियान के तहत प्रदेश के सभी 1535 थानों में स्थापित होनेे वाली महिला हेल्प डेस्क का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए सीएम ने कहा कि महिला हेल्प डेस्क व सीक्रेट रूम मेंं दिखने वाली किसी जगह पर वह सारे नंबर (1090, 181,11 2,1076, 1098 102 ) रहें लिखे रहेंगे जिन पर कोई महिला मदद के लिए कॉल कर सके। यह रूम पूरी तरह पारदर्शी व सभी बुनियादी सुविधाओं सेेे लैस होंगे। उन्होंने कहां की महिलाओं के सम्मान को संस्कार बनाना होगा।
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