कोरोना काल में महिलाओं की जीवन-शैली
आज इस वैश्विक महामारी के दौर में हर तरफ भय व्याप्त है | कोरोना काल में आस-पास के लोगो को देखकर मन भयभीत हो जाता है लोग कहते है कि प्रकृति बदला ले रही है परन्तु मैं उसमे एक बात और जोड़ना चाहती हूँ कि हमारा स्वार्थी स्वाभाव , एकछ्त्र सत्ता की चाह , अविवेकी वृति भी उसमे शामिल है| समस्याएं आती है तो अपने साथ समाधान भी लाती हैं | कोविड–19 महामारी ने पूरी दुनिया में उथल–पुथल मचाई लेकिन कुछ सकारात्मक सबक भी सिखाये हैं हालाँकि मेरा मानना है कि इस तनाव से बाहर आने का एक मजबूत हथियार है स्थिति को दूसरे दृष्टिकोण से देखने का सही नजरिया | सही नज़रिया ज़िन्दगी के हर पहलू को रोशन करता है नज़रिया सही हो तो मंज़िल के रास्ते आसान हो जाते है इसके उलट नज़रिये पर नकारात्मकता हावी हो जाती है तो हर रास्ता मुश्किल नज़र आता है | कोरोना वायरस की अधिक जानकारी के लिए ये लेख देखें https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019?
कोरोना संक्रमण काल में सुरक्षा मतलब सामाजिक दूरी नहीं बल्कि शारीरिक दूरी है अपने हाथो को बार–बार धोना , सैनिटाइज़र का उपयोग करना मास्क लगाना जरुरी है ये आपकी शारीरिक सुरक्षा के नए तौर तरीको को परिभाषित करता है | जबकि इस समय मानसिक व भावनात्मक सुरक्षा भी सामान रूप से महत्वपूर्ण है | जो आपको अपने साथियो से स्नेह करने व एकांतवास का आनंद लेने से मिलती है | कोरोना काल ने महिलाओं के जीवन शैली को पूरी तरह से प्रभावित किया है | सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन करने की वजह से हम घरो तक सीमित रहने को मजबूर हुए है और कही न कही अकेले हुए जा रहे है | यानि दोस्तों और सहेलियों के संग घूमना – फिरना तो दूर बातचीत , चर्चा , ठहाको का दौर भी बदलने लगा है | शिक्षित महिलाये सोशल साइट्स पर ज़्यादा समय बिता रही है | व्हाट्सएप चैट में बढ़ोतरी हुई है , किटी पार्टीज अब ऑनलाइन होने लगी हैं फ़ोन पर बातचीत का चलन बढ़ गया है |
ऐसे में अनिश्चिता के विचारो को छोड़ने के लिए आपको मन के अनुसार सुखद गतिविधियों का चयन करना चाहिए जैसे – दोस्तों को फ़ोन करना , टहलना , संगीत सुनना और किताबे पढ़ना | नकारात्मकता से बचने के लिए समाचार सुनने की बजाय कुछ नया सृजित करने पर ध्यान दे | अपने विचारों में बदलाव लाएं | अपने आसपास खुशनुमा वातावरण बनाने के लिए उन बातों पर ही ध्यान दे जो आपके नियंत्रण में है | व्यायाम व प्राणायाम आपको खुश रखने में सहायक हैं | एक व्यवस्थित जीवन शैली के दम पर ही इस महामारी के बीच खुद को सुरक्षित रख सकती हैं | इस समय अपनी सुरक्षा को तरजीह दें और इन पलों को ऐसे जिएं कि ये बेहतरीन यादें बन जाएँ | कोविड-19 के बाद स्थाई और सुखद भविष्य के लिए आगे बढ़ने का इरादा रखना बेहद जरुरी है | कोरोना वायरस पर महत्वपूर्ण लेख – https://hi.wikipedia.org/wiki/2020
कोरोना और लॉकडाउन ने हर मन को एक छत के नीचे ला दिया है | हज़ारों किलोमीटर की यात्रा कर के घर पहुंचने की चाह रखनें वाले हर व्यक्ति ने यह बता दिया कि ” परिवार हमारी जरुरत है “ | एक नयी जीवन-शैली , एक नयी सोच , एक नया अध्याय शुरू हुआ , जीवन का जिसमें पहली और महत्वपूर्ण बात है कि जो दौड़ अब तक सुख-सुविधा भौतिक साधन और बैंक बैलेंस के लिए हो रही थी उसकी दिशा बदल गयी है | हम फिर प्रेम , परिवार , रिश्ते , अच्छे स्वास्थ्य और प्रकृति की तरफ लौट रहे हैं |
1 – कोरोना काल में जब मेड इन इंडिया टेस्टिंग किट बनाने की परमिशन मिली तो किट बनाने में एक महिला विरोलॉजिस्ट ने बड़ी भूमिका निभाई यह हैं पुणे कि लेबोरेटरी ” माय लैब डिस्कवरी “ की रिसर्च एंड डेवेलप की हेड मीनल दाखीव भोंसले हैं | इन्होने भारत की पहली सस्ती कोरोना टेस्टिंग किट बनायीं | 2 – 117 करोड़ लोगो की फ़ोन में कोरोना वायरस से सावधान करने वाली कोरोना वायरस कॉलर ट्यून में आवाज देने वाली महिला हैं जसलीन भल्ला |
महिलाओं की हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका रहती है और कोरोना काल में भी अपने कर्तव्य का पूरी तरह निर्वाह कर रही है बहुत सुंदर लेख
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धन्यवाद
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