त्योहार – दीपावली
हमारे देश की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह विविधता में एकता का अच्छा उदाहरण है क्योंकि यहां हिंदू , मुस्लिम ,सिख , ईसाई ,जैन तथा बौद्ध आदि धर्म एक साथ सौहार्द से रहते हैं । हमारे कुछ त्योहार राष्ट्रीय हैं और कुछ क्षेत्रीय स्तर पर बनाए जाते हैं दुनिया में हमारे देश की पहचान ही हमारी रंग – बिरंगी परंपराओं और संस्कृति के कारण हैं हमारा देश चुकि बहु धर्मी और बहु सांस्कृतिक का देश है इसलिए भारत में विदेशी लोग भी उत्सव का पूरा आनंद ले सकते हैं बड़ी बात यह है कि हमारे प्रजातांत्रिक देश में हर धर्म के लोग अपने – अपने त्यौहार अपनी परंपरा के अनुसार मनाने के लिए स्वतंत्र हैं हर धर्म के लोग अपने – अपने धार्मिक इतिहास , रीति- रिवाजों और विश्वास के अनुसार अलग -अलग अंदाज में त्यौहार मनाते हैं यहां पर उत्सव का अपना इतिहास ,पौराणिक कथा और धार्मिक सांस्कृतिक महत्व है | विदेशों में रह रहे भारतीय भी अपने उत्सव को बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं । हमारा देश त्योहारों और मेलों का देश है । साल के लगभग हर महीने यहां कोई न कोई उत्सव होता है ।अगर दुनिया की बात की जाए तो भी हमारे देश में सबसे ज्यादा त्यौहार मनाए जाते हैं यह भी खास है कि हमारे हर त्योहार किसी मौसम या ऋतु से संबंधित हैं जैसे फसल कटाई ,वर्षाऋतु या पूर्णिमा | इसके अलावा कुछ उत्सव धार्मिक दृष्टिकोण से भी मनाए जाते हैं ।
दीपावली – शारदीय नवरात्रों से लेकर दीपावली तक का समय बड़ा सुहावना होता है । नवरात्रों में पूरा वातावरण बेहद पवित्र होता है एक तरफ मां भगवती की पूजा आराधना तो दूसरी ओर रामलीला । नवरात्रों के 20 दिन बाद दीपावली होती है | दीपावली के अवसर पर धन और सेहत के लिए सुख- समृद्धि की दात्री माता लक्ष्मी की और विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा का प्रावधान है । त्योहारों का मतलब है धूम धड़ाका और ढेर सारी मस्ती | जब बात आती है दीपावली की तो आंखों के आगे चारों ओर जगमगाती बेशुमार रोशनी पटाखे की तेज आवाजों के साथ – साथ उपहारों का आदान –
प्रदान टेस्टी पकवान और मिठाइयों की सोंधी महक आने लगती है । लेकिन आज के परिप्रेक्ष्य त्यौहार बहुत सारी खुशियों के साथ – साथ कुछ बुराइयां भी लेकर आते हैं जिनसे हमें दूर रहने की जरूरत है साथ ही आज के युग में अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध और साफ रखना बेहद जरूरी है इसके लिए हमें अपने हर त्योहार को मनाने के लिए इको फ्रेंडली तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे होली के अवसर पर हम प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं तो दीपावली होने पर प्रदूषण को रोकने के लिए ऐसे पटाखों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे प्रदूषण ना हो या फिर कम से कम हो | इस बात को त्योहारों के मौके पर खुद से वादा करें कि अपने घर और आसपास के माहौल को खुशनुमा और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए हम इको फ्रेंडली तरीके अपनाएंगे । परंपरागत तौर पर दीपावली के दिन मिट्टी के दीए जलाने का प्रचलन है मिट्टी के दीए में सरसों का तेल डालकर इसे जलाने से आसपास की नेगेटिव एनर्जी समाप्त होने के साथ – साथ वातावरण भी शुद्ध होता है | यदि आप भी मोमबत्ती की जगह मिट्टी के दिए जलाएं तो वातावरण के प्रदूषण में काफी कमी आ सकती है | इसी तरह त्योहार के अवसर पर रंगोली बनाने के लिए बाजार में मिलने वाले आर्टिफिशियल रंगों के स्थान पर फूलों , चावल , आटे , हल्दी , कुमकुम पाउडर आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं त्यौहार मनाते वक्त अपनी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान दें । मेरी तरफ से आप सभी को दीपावली की बहुत – बहुत बधाई शुभ दीपावली
Good
Good article
Very nice article
शुभ दीपावली