होली – रंगोत्सव
हर वर्ष की तरह फाल्गुन मास की पूर्णिमा बुराई पर अच्छाई की विजय , भक्त प्रहलाद और हिरण्यकश्यप की कथा में होलिका दहन नव वर्ष का शुभारंभ व ऋतु चक्र का प्रवर्तन है लीजिए फिर आ गई साथ लिए रंग ,अबीर हर्ष , उल्लास व लोकगीतों पर ढोलक की थाप , गुझिया भांग व मस्ती से भरी ब्रज की – बरसाने की होली | होली रंगों का त्योहार है इस पर्व पर हर रंग का अपना धार्मिक महत्व है । रंगों का धार्मिक महत्व – रंग हमारी भावनाओं और व्यक्तित्व को दर्शाते हैं हर रंग का जीव के मन व शरीर से बहुत गहरा संबंध होता है जैसे लाल रंग , ऊर्जा , आत्मविश्वास व शक्ति का प्रतीक होता है उसकी प्रकृति सक्रिय और उत्तेजक है यह रंग सौभाग्य की निशानी है इसलिए सुहागन स्त्री शुभ अवसरों पर हर इस रंग को अधिक पहनती हैं , पीला रंग अहिंसा , प्रेम, आनंद व ज्ञान का प्रतीक है पीले वस्त्र धारण करने से देव गुरु बृहस्पति भी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं , नारंगी रंग लाल और पीले से मिलकर प्रकट हुआ है तो इसलिए यह रंग दोनों रंगों का असर अपने अंदर समाहित कर के चलता है यह रंग ज्ञान , ऊर्जा , शक्ति , प्रेम ,उत्साह और आनंद का प्रतीक है सफेद रंग शांति , पावन त्याग व सादगी को दर्शाता है इस रंग के प्रयोग से चंद्र देव व शुक्र की कृपा रहती है हल्का नीला रंग साफ – सुथरा निष्पाप , पारदर्शी करुणा में उच्च विचार होने का सूचक है यह रंग श्री हरि विष्णु ,श्री राम ,श्री कृष्ण और महादेव के शरीर का रंग है यह रंग विष को पीकर गले में रोक लेने की क्षमता रखने वाले शिव के गुण और भाव को प्रदर्शित करता है । हरे रंग का प्रयोग से बुध ग्रह की कृपा बनी रहती है इस तरह रंग हमारे जीवन पर अपना असर डालते हैं वैज्ञानिकों ने शोध में यह पाया है कि रंग इतने प्रभावशाली हैं कि वह बीमारियों की रोकथाम तक में सहायक है । इस प्रकार सात रंगों की सृष्टि में प्रत्येक रंग हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं पहले जहां यह त्यौहार घर या आसपास के लोगों के साथ पुराने कपड़ों में खेला जाता था वही आज हम और आप होली के पर्व को बॉलीवुड की तरह मनाने लगे हैं मतलब आज हर एक इंसान बॉलीवुड की तरह सफेद कपड़ों में होली खेलना चाहता है क्यों सही कहा ना । वैसे अगर देखा जाए तो सफेद रंग अपने में ऐसा होता है जो सबको भाता है और सभी पर फबता भी है चाहे सेलिब्रिटीज पहने या आम आदमी ,सफेद रंग में होली खेलना पारंपरिक भी माना जाता है यह ऐसा रंग होता है जिस पर जो भी रंग चढ़ाओ चढ़ जाता है और बात जब होली के रंगों की हो रंग उसे और ज्यादा सजाता सवारता व सुंदर बनाता है । स्वाद बिना कैसा रंग – होली का रंग सब पर होता है लेकिन इस दिन स्वादिष्ट पकवान ना मिले तो रस कहां से आएगा । गुझिया होली का प्रमुख पकवान है उत्तर भारत में महिलाएं तरह -तरह की गुझिया समेत अनेक तरह के व्यंजन बनाती हैं होली की शाम को लोग नए कपड़े पहन कर जब एक दूसरे के घर होली मिलने जाते हैं तो उनका स्वागत महिलाओं के हाथों से बनी इन्हीं गुझिया नमकीन व तरह – तरह के पकवानों से किया जाता है । वैसे तो हर त्योहार का अपना रंग होता है जिसे आनंद या उल्लास कहते हैं लेकिन हरे ,पीले ,लाल ,गुलाबी आदि रंगों का त्योहार होली , जिसमें रंगों के माध्यम से संस्कृति के रंग में रंग कर सारी बाधाएं मिट जाती है और बस सब एक रंग के हो जाते हैं इसलिए बिना चिंता किए मस्ती , उल्लास और खुशियों से भरे इस पर्व का भरपूर आनंद उठाएं और दूसरों को खुशियां बाटें क्योंकि होली का रंग हर तरह के रंग से गहरा होता है । ” आप सभी को होली की बहुत – बहुत बधाई “
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