सफलता के शिखर पर भारतीय महिलाएं

 आज  भारतीय  महिलाओं  ने  अपने – अपने  क्षेत्र  में  शिखरों  को  छुआ  है  अपनी  उपलब्धियों  से  देश, परिवार  व  संसार को  सम्मानित  किया  है  ऐसी  महिलाएं  लाखों – करोड़ों  की  प्रेरणा  व  आदर्श  हैं  सफलता  का  यह  स्वाद  महिलाओं  ने आसानी  से  नहीं  चखा  इसके  पीछे  लंबे  संघर्ष  की  दास्तान  है  कुछ  प्रमुख  भारतीय  महिलाएं  जिन्होंने  अपनी  मेहनत  और  प्रतिभा  के  बल  पर  अपने  लक्ष्य  को  हासिल  ही  नहीं  किया  बल्कि  अनेक  पुरुषों  को  भी  पीछे  छोड़  दिया  है । लोग  उनको  देखना  उनसे  मिलना  वह  उनके  साथ  तस्वीर  खिंचवाना  चाहते  हैं –                       नीता  अंबानी –  नीता  अंबानी  को  शुरू  में  सिर्फ  अंबानी  परिवार  का  हिस्सा  समझा  गया  जिन्हें  संपन्नता  विरासत  में  मिली  थी  लेकिन  अपने  ऐश्वर्य  और  संपन्न  जीवन  को  इन्होंने  सामाजिक  विकास  के  योगदान  में  प्रयोग  किया  नीता  अंबानी  ना  सिर्फ  रिलायंस  फाउंडेशन  की  चेयर  पर्सन  है  बल्कि  रिलायंस  इंडस्ट्रीज  की  डायरेक्टर  भी  हैं  रिलायंस  फाउंडेशन  का  प्रोग्राम  भारत  इंडिया  जोड़ो  एक  ऐसा  कदम  है  जहां  ग्रामीण  भारत  को  सशक्त  बनाने  की  परिकल्पना  रखी  गई  है  नीता  अंबानी  ने  देश  भर  में  13  स्कूलों  की  शुरुआत  की  जिसमें  करीब  15000  जरूरतमंद  बच्चों  को  पढ़ाया  जाता  है  साथ  ही  बेसहारा  गरीब  और  जरूरतमंद  लोगों  के  लिए  अस्पतालों  में  स्वास्थ्य  कार्यक्रमों  की  भी  शुरुआत  की  नीता  अंबानी  ग्रामीण  महिलाओं  के  स्वरोजगार , बेटी  शिक्षा  जैसे  सराहनीय  कार्यों  से  भी  जानी  जाती  हैं ।                                                                                            निशी  वासुदेवा –  एशिया  पेसिफिक  क्षेत्र  की  सबसे  शक्तिशाली  महिला  के  रूप  में  जानी  जाने  वाली  निशि वासुदेवा  किसी  भारतीय  तेल  कंपनी  का  सर्वोच्च  पद  भार  संभालने  वाली  पहली  महिला  हैं  हिंदुस्तान  पैट्रोलियम  कॉरपोरेशन  लिमिटेड  के  चेयरमैन  एवं  सीएमडी  निशि  ने अपने  कार्यकाल  में  इस  कंपनी  को  कई  प्रकार  से  तरक्की  दी  देश  अपनी  ऐसी  प्रतिभाशाली  बेटी  पर  गर्व  महसूस  करता  है  जो  देश  की  तरक्की  में  सहयोग  करे ।                                              चित्रा  रामकृष्णा –  नेशनल  स्टॉक  एक्सचेंज  की  पहली  महिला  मैनेजिंग  डायरेक्टर  एवं  चीफ  एग्जीक्यूटिव  ऑफिसर  चित्रा  रामकृष्णा  को  उनकी  विशेष  कार्यशैली  के  लिए  जाना  जाता  है  प्रोफेशनल  जिंदगी  में  अनुशासित  व्यक्तित्व  की  स्वामी  चित्रा  रामकृष्णा  की  संगीत  में  भी  गहरी  रुचि  है  उनकी  उपलब्धियों  की  चर्चा  केवल  भारत  में  ही  नहीं  बल्कि  विदेशों  में  भी  है  उन्हें  देश  विदेश  से  कई  सम्मान  भी  मिले  हैं  वह  एशिया  पेसिफिक  क्षेत्र  की  ऐसी  तीसरी  महिला  है  जो  स्टॉक  एक्सचेंज  की  प्रमुख  हैं ।                                                   किरण  मजूमदार  शॉ –  जब  व्यवसाय  के  क्षेत्र  में  पुरुषों  का  बोलबाला  था  तब  किरण  मजूमदार  शॉ  जैसी  महिलाओं  ने  इस  छवि  को  बदला  किरण  ने  प्रारंभिक  शिक्षा  के  बाद  ऐसे  क्षेत्र  का  चुनाव  किया  जिसमें  महिलाएं  ना  के  बराबर  थी।  फर्मेंटेशन  साइंस  की  पढ़ाई  करने  वाली  किरण  ने  जल्द  ही  पुरुषों  वाले  इस  क्षेत्र  में  पहचान  बना  ली |  यह  पहचान  तब  उनके  सिर्फ  पहचान  वालों  तक  ही  सीमित  थी |  उनकी  असली  पहचान  हुई  बायोकॉन  बायोकेमिकल्स  लिमिटेड  के  फाउंडर  से  मिलकर  जो  किसी  ऐसे  भारतीय  की  तलाश  में  थे  जो  इस  आयरलैंड  की  कंपनी  को  भारतीय  बाजार  में  शुरू  करवा  सके , 1978  में अपने  किराए  के  घर  के  गैराज  में  उन्होंने  बायोकॉन  इंडिया  की  शुरुआत  की  प्रारंभ  में  अनेक  मुश्किलों  का  सामना  करने  वाली  किरण  यह  जान  चुकी  थी  कि  बायोकॉन  को  चलाना  इतना  आसान  नहीं  है  धीरे -धीरे  ही  सही  उन्होंने  इस  कंपनी  को  एक  शक्तिशाली  कंपनी  के  रूप  में  खड़ा  किया  जो  अब  ना  सिर्फ  केमिकल्स , शिक्षा , स्वास्थ्य , रोजगार  जैसी  बुनियादी  जरूरतों  के  लिए  काम  करती  है ।                                      नीलम  धवन –  देश  की  टेक्नोलॉजी  फार्म  की  पहली  प्रमुख  के  रूप  में  जानी  जाने  वाली  नीलम  धवन  सॉफ्टवेयर  की  दुनिया  में  एक  जाना  पहचाना  नाम  है  2005  में  वह  विश्व  की  सबसे  बड़ी  साफ्टवेयर  कंपनी  माइक्रोसाफ्ट  में  इंडिया  हेड  के  रूप  में  शामिल  हुई  2008  में  वह  कंप्यूटर  बनाने  वाली  कंपनी  ह्यूलेट  पैकर्ड  की  प्रमुख  बनी  जिसने  भारतीय  बाजार  में  कम  दाम  में  अधिक  सुविधा  वाला  कंप्यूटर  उतारा । नीलम  की  तकनीकी  सोच  ने  भारत  में  स्त्री  सशक्तिकरण  को  नई  परिभाषा  दी  है ।                                                                       निरुपमा  राव – निरुपमा  राव  भारत  की  उन  गिनी  चुनी  महिला अफसरों  में  से  एक  हैं  जिन्होंने  अपने  कार्यक्रम  में  स्त्री  शक्ति  का  बखूबी  प्रदर्शन  किया  1973  बैच  की  इंडियन  फॉरेन  सर्विस  ऑफिसर  निरुपमा  यूएस  में  भारतीय  एंबेसडर  के  रूप  में  कार्यरत  रही  हैं | राव  भारत  की  दूसरी  महिला  फॉरेन  सेक्रेट्री  के  रूप  में  भी  जानी  जाती  हैं  साहित्य  में  गहरी  रुचि  रखने  वाली  निरुपमा ने  अपनी  कविताओं  का  भी  एक  संग्रह  प्रकाशित  करवाया है ।                                                                       मल्लिका  श्रीनिवासन –  2014  में  पद्मश्री  सम्मान  से  नवाजे  जाने  वाली  अमलगम  नेशंस  ग्रुप  की  सिरमौर  कंपनी  ट्रैफिक  की  चेयरमैन  पर्सन  सीईओ  मल्लिका  श्रीनिवासन  एशिया  की  50  पावरफुल  बिजनेस  वूमेन  में  भी  शुमार  की  जाती  है  यह  भारत  की  सबसे  प्रभावी  बिजनेस  लीडर्स  में  से  एक  हैं  जिन्होंने  कम  दाम  में  क्वालिटी  ट्रैक्टर  बनाकर  दुनियाभर  में  प्रसिद्धि  प्राप्त  की  है । हॉर्टन  स्कूल  ऑफ  बिजनेस  से  एमबीए  करके  मल्लिका  ने  इस  क्षेत्र  में  कदम  रखा  लीडरशिप  क्वालिटी  और  उद्यमिता  के  लिए  उन्हें  बीबीसी  ने  फर्स्ट  बिजनेस  वूमेन  ऑफ  ईयर  अवॉर्ड  फॉर  इंडिया  से  नवाजा  है  मात्र  27  साल  की  कम  उम्र  में  टेफे  में  शामिल  होकर  उन्हें  कंपनी  को  कामयाबी  की  नई  ऊंचाई  पर  पहुंचा  दिया  अपनी  कार्य  पद्धति  एवं  सहज  रणनीति  के  वजह  से  उन्होंने  चंद  वर्षों  में  कंपनी  का  टर्नओवर  160  करोड़  अमेरिकी  डॉलर  कर  दिया  है  अनेक  अनेक  चुनौतियों  का  सामना  करके  मल्लिका  ने  सकारात्मक  परिवर्तन  किए  उद्योग  में  बड़ी  उपलब्धि  के  साथ  समाज  सेवा  में  भी  मल्लिका  का  योगदान  सराहनीय  है ।                  कृतिका  रेड्डी – डिजिटलाइजेसन   ने  जिस तरह  पूरी  दुनिया  को  अपनी  गिरफ्त  में  ले  लिया  है  उससे  इसके  विस्तृत  दायरे  का  पता  चलता  है  सोशल  मीडिया  के  बोलबाले  ने  रोजगार  के  कई  अवसर  खोलें  फेसबुक  इंडिया  के  मैनेजिंग  डायरेक्टर  के  पद  पर  एक  महिला  को  देखना  शुभ  बेहद  सुखद  अनुभव  है  चेन्नई  में  जन्मी  कृतिका  रेड्डी  ने  यूं  तो  अपनी  प्रारंभिक  शिक्षा  भारत  में  की  लेकिन  जब  यूएस  से  एमबीए  और  कंप्यूटर  इंजीनियरिंग  की  डिग्री  लेकर  लौटी  तो  उन्होंने  यह  ठान  लिया  कि  भारतीय  बाजार  को  डिजिटल  बनाएंगे  सन  2010  में  वह  फेसबुक  की  भारत  में  पहली  कर्मचारी  के  रूप  में  शामिल  हुई  और  जल्द  ही  सभी  को  अपनी  कार्यशीलता  का  लोहा  मनवा  दिया ।               कुछ  अन्य  भारतीय  महिलाओं  के  योगदान  को  जानने  के  लिए  इस  पोस्ट  को  पढ़ें -https://www.palakwomensinformation.com/2020/09/bhartiya-mahilayen.html                                                   

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