महिला सशक्तिकरण

महिला  सशक्तिकरण  को  बेहद  आसान  शब्दों  में  परिभाषित  किया  जा  सकता  है  कि  इससे  महिलाएं  शक्तिशाली  बनती  हैं | जिससे  वह  अपने  जीवन  से  जुड़े  हर  फैसले  स्वयं  ले  सकती  हैं  और  परिवार  तथा  समाज  में  अच्छे  से  रह  सकती  हैं | समाज  में  उनके  वास्तविक  अधिकार  को  प्राप्त  करने  के  लिए  उन्हें  सक्षम  बनाना  महिला  सशक्तिकरण  है | विकास  की  मुख्यधारा  में  महिलाओं  को  लाने  के  लिए  भारतीय  सरकार  द्वारा  कई  योजनाए  चलाई  गयी  हैं |                                                           समान  वेतन  का  अधिकार – समान  पारिश्रमिक  अधिनियम  के  अनुसार  अगर  बात  वेतन  या  मजदूरी  की  हो  तो  लिंग  के  आधार  पर  भेदभाव  नहीं  किया  जा  सकता |                                                 कार्यस्थल  पर  उत्पीड़न  के  खिलाफ  कानून – यौन  उत्पीड़न  अधिनियम  के  तहत  आपको  वर्किंग  प्लेस  पर  हुए  यौन  उत्पीड़न  के  खिलाफ  शिकायत  दर्ज  कराने  का  पूरा  हक़  है | केंद्र  सरकार  ने  भी  महिला  कर्मचारियों  के  लिए  नए  नियम  लागू  किये  हैं  जिसके  तहत  वर्किंग  प्लेस  यौन  शोषण  के  शिकायत  दर्ज  होने  पर  महिलओं  को  जाँच  लंबित  रहने  तक  90  दिन  की  पैड  लीव  दी  जाएगी  |

कन्याभ्रूण  हत्या  के  खिलाफ  अधिकार –  भारत  के  हर  नागरिक  का  यह  कर्त्तव्य  है  वह  महिला  को  उसके  मूल  अधिकार ” जीने  का  अधिकार ” का  अनुभव  करने  दें  गर्भाधान  व  प्रसव  से  पूर्व  पहचान  करने  की  तकनीक  लिंग  चयन  पर  रोक  अधिनियम  ( PCPNDT ) कन्याभ्रूण  हत्या  के  खिलाफ  अधिकार  देता  है |                                                                                                              सम्पति  का  अधिकार – हिन्दू  उत्तराधिकार  अधिनियम  के  तहत  नए  नियमों  के  आधार  पर  पुस्तैनी  सम्पति  पर  महिला  और  पुरुष  दोनों  का  बराबर  हक़  है |                                                  गरिमा  और  शालीनता  के  लिए  अधिकार – किसी  मामले  में  अगर  आरोपी  एक  महिला  है  तो  उसपर  की  जाने  वाली  कोई  भी  चिकित्सा  जांच   किसी  महिला  द्वारा  या  किसी  दूसरी  महिला  की  उपस्थिति  में  ही  की  जा  सकती  है | महिला  सशक्तिकरण  के  लिए  चल  रही  सभी  सरकारी  योजनाओं  की  सूची – https://sarkariyojana.com/government-women-welfare-schemes-list/                                                                     

भारतीय  समाज  हमेशा  से  पुरुष  प्रधान  रहा  है  महिलाओं  को  दोयम  दर्जा  दिया  जाता  रहा  है  महिलाये  मात्र  एक  आश्रित  के  रूप  में  रहती  रही  हैं  परन्तु  21 वीं  सदी  में  इसमें  काफी  तेजी  से  बदलाव  आये  हैं |    निर्भया  कांड  के  बाद  रेप , छेड़छाड़  के  कानूनों  को  और  ज़्यादा  सख्त  बनाया  जा  रहा  है  नेशनल  क्राइम  ब्यूरो  के  आंकड़ों  के  अनुसार  महिला  अपराधों  की  रिपोर्टिंग  पहले  से  अधिक  हो  रही  है |                                                                                                               आर्थिक  मोर्चे  पर  महिलाओं  को  मजबूत  बनाने  के  लिए  उद्यमिता  विकास  कार्यक्रमो  के  जरिये  महिलाओं  को  आत्मनिर्भर  बनाने  की  कोशिश  की  जा  रही  है | प्रधानमंत्री  मुद्रा  योजना , स्टैंडअप  इंडिया  और  स्टार्टअप  इंडिया , और  राष्ट्रीय  ग्रामीण  आजीविका  के  तहत  स्वयं  सहायता  योजना  से  महिलाओं  को  वित्तीय  रूप  से  सुरक्षित  एवं  स्वंतंत्र  बनाने  में  सहयोग  कर  रहे  हैं | लड़कियों  और  महिलाओं  को  आर्थिक  रूप  से  सशक्त  बनाने  के  लिए  सुकन्या  समृद्धि  एवं  चन्दन  योजना  जैसे  कार्यक्रम  भी  चलाये  जा  रहे  हैं | प्रधानमंत्री  जन -धन  योजना   के  तहत  आधे  से  अधिक  अकाउंट  महिलाओं  द्वारा  ही  खोले  गए  हैं | महिलाओं  की  सुरक्षा  के  लिहाज  से  कार्यस्थल  पर  उत्पीड़न  के  खिलाफ  कानून  ऑनलाइन  शिकायत  प्रणाली  और  पैनिक  बटन  जैसे  प्रयोग  किये  गए  हैं | इसके  अलावा  महिला  सशक्तिकरण  के  लिहाज  से  तीन  तलाक  की  प्रथा  को  ख़त्म  किया  गया | शिक्षा  के  स्तर  पर  बेटी  बचाओ , बेटी  पढ़ाओ  कार्यक्रम  के  जरिये  स्कूलों  में  लड़कियों  का  लड़कों  की  बराबरी  पर  दाखिला  हुआ  है |                                                                                      

राजनीतिक  स्तर  पर  भी  महिलाओं  को  आगे  बढ़ाने  के  लिए  पंचायत  चुनावों  में  33 %  आरक्षण  लागू  किया  गया  है | जबकि  कुछ  राज्यों  में  यह  50 %  तक  कर  दिया  गया  है | भारत  की  जनसँख्या  में  48 %  हिस्सेदारी  रखने  वाली  महिलाओं  की  भागीदारी  का  प्रतिशत  भी  सिर्फ  26 %  ही  है  कारण  भारत , ब्राज़ील , इंडोनेशिया , श्रीलंका  जैसे  देशों  से  भी  पिछड़ा  हुआ  है | भारत  में  स्वास्थ्य  के  लिहाज  से  मातृमृत्यु  दर  कम  विकसित  देशों  से  भी  अधिक  है  जो  महिला  सशक्तिकरण  के  लिए  एक  गंभीर  चुनौती  है |                        पिछले  कुछ  दिनों  में  कामकाज , खेल जगत , राजनीति , नौकरशाह , अंतररास्ट्रीय  महिला  संस्थान  व  अन्य  जगहों  में  महिलाओं  का  प्रतिनिधित्व  बढ़ा  है  इस  तरह  का  बदलाव  सकारात्मक  है  और  इस  बदलाव  की  रफ़्तार  आज  कहीं  ज़्यादा  तेज  है महिला  सशक्तिकरण  पर  और  अधिक  जानकारी  के  लिए  इस  लिंक  पे  जाएँ – https://hi.wikipedia.org/wiki/

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19 Comments

  1. अपने बेटे में डॉक्टर-इंजीनियर आदि की छवि उनके पहले दिन विद्यालय जाने के बाद से ही देखने वाले
    माता-पिता उन्हें एक अच्छा इंसान बनाने के लिए कितना प्रयास करते हैं ? आये दिन बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर कलेजा फटना स्वाभाविक है। किंतु यह भी सच्चाई ही है कि एक लड़की जो सीखना चाहती है, उसे हम ऐसा वातावरण उपलब्ध नहीं करा सके हैं जिसमें वो निर्भीक होकर अपने सपने पूरे कर सके । Apologies as I am writing this remark when another female has been snatched and abused. We need a proper reform in the society to achieve it, your blog is very inspiring for all women and future mothers, hope next generation would have less struggle thanks to progressive thinkers like you! Excellent composition.

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