भावनात्मक रूप से कितनी फिट हैं आप
क्या आप छोटी-छोटी बातों से भी उदास हो जाती हैं छोटी सी बात पर भी आपको बहुत गुस्सा आता है और आप रोने लग जाती हैं तो इसका मतलब यह है कि आप भावनात्मक रूप से फिट नहीं है। हंसना रोना जिंदगी का एक हिस्सा है लेकिन छोटी -छोटी बातों पर रूठ जाना और रोने लगना आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।
मेडिटेशन करें – इमोशनल स्ट्रैंथ बढ़ाने के लिए आप मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं मेडिटेशन आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाने का काम करता है जिस तरह वर्कआउट के जरिए आप अपने शरीर की मांसपेशियों को बिल्ड अप करती हैं । ठीक उसी तरह मेडिटेशन आपकी मेंटल मसल्स को बिल्डअप करती है अगर आप रोज मेडिटेशन करती हैं तो कोई भी भाव आपको जल्दी प्रभावित नहीं करता है क्योंकि आप यह बात अच्छी तरह से जानती हैं कि यह सिर्फ आपके मन का एक भाव है और इसका आप पर प्रभाव तब तक नहीं पड़ सकता जब तक आप ना चाहे । कुछ महिलाओं की यह शिकायत होती है कि वह मेडिटेशन तो करना चाहती हैं लेकिन उन्हें इसे ठीक तरह से करना आता नहीं है ऐसे में किसी जगह पर आंखें बंद करके बैठ जाएं और सिर्फ अपनी सांसों के आवागमन पर फोकस करें । इस दौरान आपके मन में बहुत से विचार आएंगे लेकिन आप ना तो उसे आने से रोकने का प्रयास करें और ना ही इसे जाने के लिए फोर्स करें कुछ ही देर में आप खुद को काफी रिलैक्स महसूस करने लगेंगी। मेडिटेशन पर अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़े – https://hi.wikipedia.org/wiki/
खुद को भावनात्मक रूप से स्वस्थ रखने का एक और आसान तरीका है खुद के साथ वक्त बिताएं अक्सर महिलाओं के पास अपने घर परिवार के लिए तो वक्त होता है लेकिन वह खुद के साथ समय बिताना जरूरी नहीं समझती। इमोशनली फिटनेस के लिए खुद के साथ समय बिताना बहुत जरूरी है। लाइफ एंड रिलेशनशिप कोच सलोनी सिंह कहती हैं कि जिस प्रकार खुद को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए अपनी डाइट और एक्सरसाइज पर पूरा ध्यान दिया जाता है उसी प्रकार भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने के लिए आपको कुछ अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता होती है। आप सिर्फ आधा घंटा स्वयं को दें तो उस समय अपने साथ दिनभर हुई अच्छी बुरी बातों को सोचें । आप का भावनात्मक रूप से फिट न होने का एक मुख्य कारण आपके द्वारा अपनी भावनाओं को मन में दबाना भी होता है | कुछ महिलाएं चाहे वह गुस्सा हो या खुश कभी खुद को एक्सप्रेस नहीं करती इस वजह से उनके सारे विचार मन में ही दबे रह जाते हैं और एक दिन वह पूरी तरह से इमोशनलेस हो जाती हैं इसलिए यह बेहद जरूरी है कि अपने मन के भावों पर फोकस करें और उसे अपने किसी करीबी से शेयर करें इससे आपका मन हल्का होगा और आप अपने को बेहतर महसूस करेंगी। आप किसी को अपना सपोर्ट सिस्टम बनाएं और किसी के सपोर्ट सिस्टम बने जीवन में एकाकीपन आपको कमजोर बनाता है अगर आपके जीवन में कोई नहीं है तो आप प्रकृति से अपना नाता जोड़ सकती हैं आप कुछ वक्त प्रकृति के साथ बिताएं तो आपको अद्भुत शांति और संतोष का अनुभव होगा इन सब से अलग आप दूसरों की मदद करके भी खुद की मदद कर सकती हैं आप चाहे तो किसी एनजीओ के साथ जुड़े या फिर किसी छोटे बच्चे को पढ़ाएं यह पूरी तरह से आप पर निर्भर है दूसरों की मदद करने से जिस खुशी और सुकून का अनुभव होता है उसे शब्दों में बताना बहुत मुश्किल है।
बहुत ही अच्छा मोटिवेशनल लेख ।
Thank you
Very nice thought 🙏🙏
Motivational thought
Very nice
I appreciate your innovative thinking.
Bahut achha laga ye padhkar.. Aaj Ka ye blog kai aurton k liye helpful rahne wala hai. Thank you and keep up the good work. ❤❤
Thank you
Thank you
Thank you
Thank you
Thank you
Very good blog
Thank you
Bahut aacha blog
Thank you
Hi
This comment has been removed by the author.