आकांक्षा अरोड़ा , यू एन महासचिव प्रत्याशी
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का पद बहुत ही महत्वपूर्ण है भारतवंशी तथा कनाडा की नागरिक आकांक्षा अरोड़ा ने खुद को संयुक्त राष्ट्र की महासचिव पद का प्रत्याशी घोषित किया है वह अगर अपने अभियान में सफल होती है तो महासचिव पद पर पहली महिला होंगी । शरणार्थी परिवार से होने तथा संयुक्त राष्ट्र की मौजूदा स्थिति से स्तब्ध होकर ही इन्होंने महासचिव पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है । आकांक्षा अरोड़ा – आकांक्षा अरोड़ा का महासचिव पद की दौड़ में शामिल होने का सबसे बड़ा कारण शरणार्थी पृष्ठभूमि का होना है युगांडा में उनका बचपन कुपोषण के बीच बीता था 1947 में दूसरे अनेक हिंदू परिवारों की तरह उनका परिवार भी पाकिस्तान से भारत चला गया था इनका जन्म भारत के हरियाणा में हुआ , तो कुछ साल सऊदी अरब में भी बीते उनके माता – पिता दोनों डॉक्टर थे बाद में वह भारत के 1 बोर्डिंग स्कूल में चली गई उसके बाद उनका परिवार कनाडा शिफ्ट हो गया । आकांक्षा यार्क यूनिवर्सिटी , टोरंटो से ग्रेजुएट है तथा मास्टर्स कोलंबिया यूनिवर्सिटी से किया है इसके बाद यह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की आडिट कोऑर्डिनेटर की जॉब करने लगी । आकांक्षा के पास भारत का ओवरसीज सिटीजनशिप कार्ड (ओ सी आई ) व कनाडा का पासपोर्ट है हालांकि अमेरिका व अन्य देशों से समर्थन मिलेगा या नहीं अभी तय नहीं है और खुद भी अभी किसी देश से समर्थन की अपील नहीं की है । महासचिव पद की पूर्ण जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएँ https://hi.wikipedia.org/wiki संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पास वास्तविक ताकत शायद ही होती है इस पद पर व्यक्ति सुरक्षा परिषद के पांचों स्थाई सदस्यों ब्रिटेन ,फ्रांस , चीन , रूस , अमेरिका द्वारा चुने जाते हैं और महासचिव इन्हीं फैसलों के बंधक होते हैं संयुक्त राष्ट्र संघ 1945 में बना और आज तक 75 सालों में किसी महिला प्रत्याशी को सफलता नहीं मिली हालांकि 2016 में भी महासचिव पद की दौड़ में एंटोनिओ गुतेरस के साथ 7 महिलाएं शामिल थी । वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र से जुड़ने के थोड़े ही समय बाद इस विश्व संस्था के प्रति उनका सम्मान हैरानी में बदल गया आकांक्षा अरोड़ा ने अपने पत्र में लिखा है कि हम अपने उद्देश्य वादे पर खरे नहीं उतरते , हम अनेक उद्देश्यों को विफल कर रहे हैं जो हमें यहां भेजते हैं , आकांक्षा अरोड़ा के साहस ने 193 देशों के संगठन को प्रभावित करने के साथ – साथ महासचिव पद के चयन में व्याप्त अपारदर्शिता की ओर भी ध्यान खींचा है । आकांक्षा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि संयुक्त राष्ट्र कठोर , बर्बादी भरा व नियंत्रणहीन है यूट्यूब पर उनका एक वीडियो बताता है कि संयुक्त राष्ट्र के सालाना 56 अरब डॉलर राजस्व में से केवल 29 परसेंट ही वास्तविक उद्देश्य पर खर्च होता है । संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की ऑडिट कोआर्डिनेटर आकांक्षा ने एक इंटरव्यू में कहा हम कॉन्फ्रेंस आयोजित करते तथा रिपोर्ट लिखने में अपने संसाधन खर्च करते हैं हम भूल गए हैं कि हमारा अस्तित्व क्यों है , और हम क्या करने के लिए हैं आकांक्षा पहली व्यक्ति हैं जिन्होंने आधिकारिक रूप से महासचिव पद पर बैठे व्यक्ति को चुनौती दी है और अगर वह अपने इस अभियान में सफल होती हैं तो वह महासचिव पद पर बैठने वाली पहली महिला होंगी । युगांडा में काम करते हुए उन्होंने एक बच्चे को कीचड़ खाते देखा था परेशान आकांक्षा ने जब संयुक्त राष्ट्र में अपने साथी को इसके बारे में बताया तो उसका जवाब था कि कीचड़ में आयरन होता है यह सुनकर आकांक्षा स्तब्ध रह गई आकांक्षा के दोस्त और समर्थक उनके साहस की तारीफ कर रहे हैं । आकांक्षा अरोड़ा का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र ने अपना काम अभी ठीक से नहीं किया है शरणार्थियों के लिए व टेक्नोलॉजी आदि कई क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र ने काम नहीं किया है और मैं इन कामों को करना चाहूंगी , बेशक बड़ी हस्तियां अभी आकांक्षा अरोड़ा के समर्थन में नहीं आई है पर आयरलैंड की पूर्व राष्ट्रपति मैरी रॉबिंसन ने उनकी उम्मीदवारी का स्वागत किया है ।
Good information 👍
Nice informatin….Akanksha Arora ko sabka support milna chahiye
nice