शिक्षक बनने की चाह – तो ऐसे मिलेगी राह
भारतीय समाज में शिक्षक का स्थान श्रेष्ठ माना गया है कबीर ने तो इसे ईश्वर से भी अधिक सम्माननीय बताया है इसके पीछे जो कारण नजर आता है वह शिक्षक का समाज और देश के प्रति कर्तव्य के लिए उसका समर्पण और त्याग है। शिक्षक समाज को नई दिशा देता है और लोगों को संगठित कर देश की एकता अखंडता के महानतम कार्य में अपनी भागीदारी निभाता है और शायद इसीलिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय कवि रवींद्रनाथ ठाकुर ने कहा था ” शिक्षक एक मोमबत्ती के समान है जो खुद जलकर दूसरों के लिए रोशनी पैदा करता है “। अगर आपके मन में भी शिक्षक बनने की चाह पैदा हो रही है और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना चाहती हैं तो आपको इन बातों पर गौर करना आवश्यक है । शिक्षक बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं – भारत में शिक्षकों को नर्सरी , प्राथमिक , माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर नियुक्त किया जाता है | यह आपकी पढाई और रूचि पर निर्भर करता है कि आप नर्सरी (एनटीटी) , प्राथमिक (पीआरटी) , माध्यमिक (टीजीटी ) या उच्च माध्यमिक ( पीजीटी ) में से क्या बनना चाहते हैं | नर्सरी और प्राथमिक – शिक्षक बनने के लिए कक्षा 12 के बाद रास्ता निकलता है अगर आपको छोटे बच्चों ( 5 वर्ष से छोटे ) से बेहद लगाव है तो आपको एनटीटी करने के बाद नौकरी मिल सकती है पर सरकारी विद्यालयों में ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति नगण्य है इसलिए आपको प्राइवेट स्कूलों की तरफ सोचना होगा । प्राथमिक शिक्षक – कक्षा 1 से 5 तक के लिए सबसे ज्यादा नौकरी उपलब्ध है क्योंकि एक शिक्षक को यहां सभी विषय पढ़ाने का अवसर होता है यदि आपने 12वीं की परीक्षा 50% या उससे अधिक अंकों से पास की है तो इसके बाद आपको 2 वर्षीय शिक्षक ट्रेनिंग कोर्स D.Ed या जेबीटी कोर्स करना होगा और इसके बाद सीबीएसई द्वारा आयोजित CTET परीक्षा पास करनी होगी तब आप इस के योग्य बन पाएंगे 2018 में एनसीपी ने नियमों में संशोधन कर पास छात्रों को भी पीआरटी बनने का एक सुनहरा मौका दिया है जिसमें b.ed पास उम्मीदवार को नौकरी मिलने के 2 वर्ष के अंदर एक 6 महीने का निर्णायक ब्रिजकोर्स करना अनिवार्य कर दिया गया है जहां तक वेतनमान की बात करें तो सरकारी विद्यालयों में 35400 से लेकर ₹112400 तक के बेसिक पर आपको नौकरी मिलेगी इसके लिए अधिकतम आयु 30 वर्ष है ।
प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक – अगर आप कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं तो आपको संबंधित विषयों में 50% अंक के साथ स्नातक b.Ed तथा CTET ( 6 – 8 ) उत्तीर्ण करना आवश्यक है नवोदय जैसे विद्यालयों में स्नातक के अंतिम वर्ष के अंक नहीं बल्कि प्रत्येक वर्ष ग्रेजुएशन में 50% अंक लेकर उत्तीर्ण होना आवश्यक है । एक टीजीटी ( प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक ) जिसका वेतनमान 44900 से ₹142400 रुपये तक तय की गई है इसकी अधिकतम आयु 35 वर्ष है | दिल्ली में महिला शिक्षकों के लिए आयु सीमा 40 वर्ष तय की गई है । पीजीटी शिक्षक – अगर आप कक्षा 11 और 12 के छात्रों को पढ़ाना चाहते हैं तो आपको जमकर अपने विषयों की तैयारी करनी होगी इसके लिए आपको परास्नातक 50% अंकों के साथ मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से b.Ed करना आवश्यक है | कई राज्यों में पीजीटी के लिए b.Ed आवश्यक है परंतु कुछ राज्यों में इसकी योग्यता सिर्फ परास्नातक ही है ऐसे राज्यों में उत्तर प्रदेश भी एक है | राहत की बात यह है कि आपको सीटीईटी की परीक्षा पीजीटी के लिए पास करनी आवश्यक नहीं है | इसके लिए वेतनमान 47600 से ₹151000 निर्धारित की गई है तथा आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई है । इस प्रकार आप अपनी शिक्षा और योग्यता के आधार पर उपर्युक्त श्रेणियों में जिस श्रेणी में फिट बैठते हैं उसमें अप्लाई कर शिक्षक बनने की चाह को मूर्त रूप दे सकते हैं | छठे वेतन आयोग द्वारा जो शिक्षकों के वेतन में सुधार किए गए हैं इससे अब शिक्षक बन न केवल एक ऐसी नौकरी को अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे जो कि न केवल प्रतिष्ठित है वरन आपको और आपसे जुड़े परिवार को आर्थिक रूप से भी सुदृढ़ करती है ।
Nice post
Good 👍👍👍👍
Ek hi lekh me sari jankari ka samagam.. Ati uttam
Bahut hi rochak fact
Nice article
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